गर्मी के दिनों में पशुओं के लिए हरे चारे की कमी अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में एक आम समस्या है। गर्मी में पशुओं को हरा चारा ना मिलने की वजह से न केवल पशुओं के दूध उत्पादन में कमी आती है बल्कि इसका असर उनकी सेहत पर भी पड़ता है। इसके समाधान के लिए किसान गर्मी के मौसम के दौरान अप्रैल में जहां सिंचाई की व्यवस्था है वहाँ हरे चारे की खेती कर सकते हैं। किसान इस समय प्रमुख हरे चारे में मक्का, लोबिया, ज्वार आदि फसलों की उन्नत किस्मों की बुआई कर सकते हैं।
हरे चारे में लोबिया पशुओं के लिए उत्तम पशु आहार है, लोबिया का बीज जहां मानव आहार में एक पौष्टिक घटक है वहीं पशुओं के लिए सस्ता पशु आहार है। लोबिया प्रोटीन, कैल्शियम और आयरन का अच्छा स्त्रोत है। लोबिया के बीज में उच्च मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें प्रोटीन 23-24 प्रतिशत, कार्बोहाइड्रेट 55 से 66 प्रतिशत, आयरन 0.005 प्रतिशत, कैल्शियम 0.08 से 0.11 प्रतिशत और आवश्यक अमीनो एसिड भी पाये जाते हैं।
पशु चारे के लिये लोबिया की उन्नत किस्में कौन सी है?
गर्मी के सीजन में चारे के लिये लोबिया की उन्नत किस्मों में बुंदेल लोबिया, सी-20, सी. 30-558, सीओ.-5, ईसी- 4216, रशियन जायंट, एचएफसी. 42-1, यूपीसी- 5286, यू.पी.सी. 5287, यू.पी.सी. 287, एन.पी.-3 शामिल है। किसान इसकी खेती के लिए अच्छे प्रकार से खेत की तैयारी कर इनकी बुआई कर सकते हैं।
गर्मी में इसकी बुआई के लिए 40 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से बीज की आवश्यकता होती है। बुआई के लिए पंक्ति से पंक्ति की दूरी 25-30 सेंटीमीटर एवं पौधे से पौधे की दूरी 15 सेंटीमीटर रखनी चाहिए। किसान लोबिया की कटाई बुआई के 50-55 दिनों बाद कर सकते हैं।
गर्मियों में लगाई गई लोबिया की फसल में सिंचाई सबसे अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि मिट्टी में पानी की कमी रहती है। लोबिया के लिए 3 से 4 सिंचाई की आवश्यकता होती है। लोबिया को मुख्य रूप से वानस्पतिक वृद्धि, फूल और फली भरने के समय सबसे अधिक सिंचाई की ज़रूरत होती है।