फसल अवशेष जलाने पर किसानों पर कार्यवाही
कृषि में यंत्रों के उपयोग से जहाँ काम आसन तथा कम समय में हो जाता है वहीं देश भर में इसके दुष्परिणाम भी देखने को मिल रहा है | फसल कटाई में तेजी से कम्बाईन हार्वेस्टर का प्रयोग किया जा रहा है | जिससे फसल की कटाई जड़ से 8 से 12 से.मी उपर से होती है | इसके चलते फसल का अवशेष खेत में रह जाता है तथा किसान खेत को साफ करने के लिए बाद में आग लगा देते है | इसको रोकने के लिए देश के अलग–अलग राज्य सरकार ने विभिन्न प्रकार के कदम उठायें हैं | सभी राज्य सरकार पौधों को जड़ से काटने के लिए सब्सिडी पर कृषि यंत्र उपलब्ध करवा रही है तो फसल जलाने पर दंडात्मक कदम भी उठाये जा रहे हैं |
बिहार सरकार ने फसल अवशेष जलाने पर राज्य के किसानों को कृषि से संबंधित डी.बी.टी. से जुड़े योजनाओं से वंचित कर रही है | पिछले वर्ष के रबी मौसम से अपनाई गई इस नियम को इस वर्ष भी लागु किया गया है | इसके अंतर्गत किसान को 3 वर्षों के लिए डी.बी.टी. योजना से वंचित कर दिया जाता है | इसके अंतर्गत बिहार के 28 किसानों को इस रबी मौसम से वंचित किया गया है |
किसानों को कृषि विभाग की योजनाओं से 3 वर्षों के लिए वंचित किया गया है
फसल अवशेष जलाने से वायु प्रदूषण को रोकने के लिए बिहार सरकार पिछले वर्ष से ही किसानों को कृषि विभाग के डी.बी.टी. पोर्टल से जारी होने वाले योजनाओं के लिए वंचित किया गया है | यह सभी किसान वर्ष 2020 के रबी मौसम में नियम विरुद्ध फसल अवशेष को जलते हुए पकड़े गये हैं | प्रदेश के कुल 28 किसानों को योजना से वंचित किया गया है जो इस प्रकार है :-
- सारण के 2 किसान
- नालंदा के 15 किसान
- कैमूर के 3 किसान
- रोहतास के 3 किसान
- नवादा के 3 किसान
- बक्सर के – 1 किसान
- तथा कटिहार के 1 किसान हैं |
पिछले वर्ष भी राज्य के 404 किसानों को फसल अवशेष जलते हुए पकड़ा गया था
देश में प्रदुषण का स्तर काफी बढ़ जाने के कारण देश भर के सरकार ने किसानों को फसल अवशेष को जलाने से रोकने के लिए इस प्रकार के सख्त कदम उठायें थें | उसी के तहत बिहार सरकार ने राज्य में किसानों नियम विरुद्ध फसल जलते हुए पकड़े जाने पर 3 वर्षों तक कृषि विभाग के सभी योजना से वंचित कर दिया गया है | जिलों के अनुसार किसानों की संख्या इस प्रकार है :-
- बक्सर के 101 किसान
- नालंदा के 86 किसान
- भोजपुर के 6 किसान
- मधुबनी के 3 किसान
- पटना के 27 किसान
- गया के 18 किसान
- ओरंगाबाद के 3 किसान
- कैमूर के 80 किसान
- तथा रोहतास के 52 किसान शामिल है |
किसानों को फसल जलाने के लिए बाद उन्हें तिन वर्षों तक कृषि के सभी योजना से वंचित कर दिया जाता है | इसको रोकने के लिए कृषि सचिव ने कहा कि सभी जिला पदाधिकारियों को अपने जिलें में कम्बाईन हार्वेस्टर के उपयोग के उपरांत फसल अवशेष जलाने की स्थिति उत्पन्न न हो इसके लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है |
इस कार्य को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से जिला स्तर पर सभी कम्बाईन हार्वेस्टर मालिकों / संचालकों के साथ आवश्यकतानुसार बैठक करने तथा उनसे लिखित रूप से फसल अवशेष न जलाने संबंधित शपथ – पत्र लेने का निर्देश दिया गया है | अभी तक जिलों से प्राप्त जानकारी के अनुसार
- सासाराम में 152
- कैमूर में 105
- बक्सर में 32
- भोजपुर में 08
- नालंदा में 07
- पटना में 03
- गया में 10
- जहानाबाद में 09
- नवादा में 05
- अरवल में 01 तथा
- सिवान में 07
यानि कुल 339 कम्बाईन हार्वेस्टर मालिकों / संचालकों द्वारा शपथ – पत्र दिया गया है तथा यह कार्रवाई निरंतर जारी है | राज्य के शेष सभी कम्बाईन हार्वेस्टर मालिकों / संचालकों से इस बावत एक सप्ताह के अन्दर शपथ – पत्र ले लिया जायेगा |
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