फसल बीमा सैटेलाइट से फसल नुकसान का सर्वे
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना वर्ष 2016 से पूरे देश में लागू है सिर्फ बिहार राज्य को छोड़कर | बिहार राज्य में फसल बीमा के स्थान पर फसल सहायता योजना लागू की गई है | फसल बीमा को लेकर देश के किसानों को बहुत सी शिकायत रहती है जिसे लेकर बहुत बार आन्दोलन हो चुके हैं | किसानों की फसल बीमा को लेकर एक मुख्य शिकायत यह है की जब फसल नुकसान होती है तो उनकी फसल का सही सही सर्वे नहीं हो पाता जिसके चलते उन्हें सही मुआबजा नहीं मिलता या वह वंचित रह जाते हैं | इस परिस्थिति से निपटने के लिए सरकार ने अब फसल बीमा सर्वे के लिए नई प्रक्रिया शुरू की है जिसके तहत फसल नुकसानी का डाटा सीधे सैटेलाइट से सैम्पलिंग की जाएगी |
किसानों को क्या लाभ होगा सैटेलाइट सैम्पलिंग सर्वे से
फसल बीमा किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से सुरक्षा प्रदान करने के लिए है और प्राक्रतिक आपदा का प्रभाव लम्बे क्षेत्र पर होता है | अभी तक कृषि विभाग के कर्मचारी को गाँव गाँव जाकर यह सर्वे करना होता था जिसमें अधिक समय लगता था | परन्तु अब सैटेलाइट की मदद से यह काम कम समय में अधिक क्षेत्र में आसानी से किया जा सकेगा |
- इस तकनीक से बहुत ही कम समय में उपज का सही अनुमान लगाया जा सकेगा | जिससे किसानों को बीमा दावों का भुगतान कम समय में किया जा सकेगा |
- स्मार्ट सैंपलिंग से कम समय में अधिसूचित बीमा इकाइयों/ पूरे इलाके की फसल का सटीक अवलोकन किया जा सकेगा |
सैटेलाइट द्वारा फसल क्षति आकलन हेतु सैंपलिंग शुरू
कृषि एवं कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंग तोमर ने ट्वीट कर जानकारी दी है की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत सैटेलाइट द्वारा फसल क्षति आकलन हेतु सैंपलिंग शुरू कर दी गई है | यह अभी पायलट प्रोजेक्ट के रूप में देश के 10 राज्यों के 96 जिलों में फसल क्षति का आकलन के लिए सैंपल लिए जा रहें है | अभी सिर्फ धान की फसल को हुए नुकसान का सैंपल लिया जा रहा है | जल्द ही यह पूरे देश में लागू कर दी जाएगी |
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना…
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) October 18, 2019
सैटेलाइट द्वारा फसल क्षति आकलन हेतु सैंपलिंग शुरू…
स्मार्ट सैंपलिंग की मदद से किसानों को शीघ्र होगा बीमा दावों का भुगतान… pic.twitter.com/DZ5ufcSmN4