किसानों को खेती में अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए यूरिया, डीएपी एवं रासायनिक खाद–उर्वरक की आवश्यकता पड़ती है। एक तरह से देखा जाए तो फसल उत्पादन में आने वाली लागत बहुत हद तक इन खादों के उपयोग पर ही निर्भर करती है। ऐसे में खेती की लागत को कम करने के लिए सरकार किसानों को इन खादों पर भारी सब्सिडी उपलब्ध कराती है। आज 15 अगस्त 2023 के अवसर पर लाल किले से अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सरकार ने किसानों के लिए यूरिया सब्सिडी के रूप में 10 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि “वैश्विक स्तर पर 3,000 रुपये प्रति बोरी कीमत वाली यूरिया, किसानों को 300 रुपये प्रति बोरी की सस्ती कीमत पर दी जा रही है, सरकार ने यूरिया सब्सिडी के रूप में 10 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
किसानों को 300 रुपये में मिल रही है यूरिया
प्रधानमंत्री ने लाल किले से दिए अपने संबोधन में कहा कुछ वैश्विक बाजारों में यूरिया की जो बोरी 3000 रुपए में मिलती है, वह किसानों के लिए 300 रुपए में उपलब्ध कराई जा रही है। सरकार हमारे किसानों के लिए 10 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान कर रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि Nano Urea और Nano DAP उस पर काम हो रहा है तो दूसरी तरफ जैविक खेती पर भी हम बल दे रहे हैं।
गरीबों को यूरिया सस्ता मिले, इसलिए सरकार 10 लाख करोड़ रुपये मेरे किसानों को यूरिया में सब्सिडी दे रही है : PM @NarendraModi जी pic.twitter.com/rMhVbz8We9
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) August 15, 2023
हालाँकि किसानों को यह सब्सिडी सीधी नहीं दी जाती। सरकार किसानों को सभी प्रकार के प्रमुख खाद उर्वरक पर जो सब्सिडी उपलब्ध कराती है वह सीधे उर्वरक बनाने वाली कंपनियों को दी जाती है। जिससे किसानों को जो उर्वरक बाजार में मिलता है वह सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी के बाद ही मिलता है। सरकार कंपनियों को यह सब्सिडी उपलब्ध कराकर ही बाज़ार में उर्वरक के मूल्य नियंत्रित रखती है।