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मंगलवार, मार्च 19, 2024
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छत्तीसगढ़ बजट 2021-22: जानिए किसानों को क्या-क्या मिला

छत्तीसगढ़ किसानों के लिए बजट 2021-22

केंद्र सरकार के बजट 2021-22 पेश किये जाने के बाद अब अलग-अलग राज्य सरकारों के द्वारा भी बजट पेश किये जा रहे हैं | 1 मार्च को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ का वार्षिक बजट पेश कर दिया | वित्तीय वर्ष 2021-22 के इस बजट में 97 हजार 106 करोड़ के बजट में पुरानी योजनाओं को HEIGHT देने की नई अर्थनीति दिखाने की कोशिश हुई है। बजट के नये प्रावधानों में खेतिहर मजदूरों के लिए न्याय योजना की घोषणा की गई है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, इस बजट में अंग्रेजी के शब्द HEIGHT के हर अक्षर से विकास के विभिन्न आयामों को परिभाषित करने की कोशिश की गई है। इसमें H से होलिस्टिक डेवलपमेंट यानी समग्र विकास, E से एजुकेशन यानी सबके लिए समान शिक्षा, I से इंफ्रास्ट्रक्चर यानी विकास की पोषक अधोसंरचना, G से गवर्नेंस यानी संवेदनशील एवं प्रभावी प्रशासन, H से हेल्थ यानी स्वस्थ तन और T से ट्रांसफार्मेशन यानी जनता के लिए बदलाव का प्रतीक है। किसान समाधान आपे लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में कृषि एवं समन्धित क्षेत्रों में किये गए प्रावधानों की जानकारी लेकर आया है |

बजट में किसानों को क्या मिला

वित्त वर्ष 2021-22 में अलग से किसानों के लिए किसी नई योजना की घोषणा सरकार द्वारा नहीं की गई है | सरकार ने किसान न्याय योजना एवं कृषि पम्पो एवं फसली ऋण योजना के विस्तार की बात कही है | सरकार ने मत्स्य पालन पर भी कृषि की तरह ही जोर दिया है |

किसानों के लिए न्याय योजना

राजीव गांधी किसान न्याय योजना में धान एवं अन्य फसलों को शामिल करके बोये गये रकबे के आधार पर किसानों को प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इस वर्ष 20 लाख 53 हजार किसानों से 92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है, जो छत्तीसगढ़ के इतिहास में सर्वाधिक है। इस वर्ष वन अधिकार मान्यताधारी 32 हजार 23 कृषकों से भी 10 लाख 70 हजार क्विंटल धान की खरीदी की गई है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना हेतु वर्ष 2021-22 के बजट में 5 हजार 703 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।

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सिंचाई हेतु कृषि पम्प

कृषक जीवन ज्योति योजना अंतर्गत कृषि पम्पों को निःशुल्क विद्युत प्रदाय हेतु 2 हजार 500 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। योजना में लगभग साढ़े 5 लाख किसानों को लाभान्वित किया जायेगा। कृषि पम्पों के ऊर्जीकरण के लिये डेढ़ सौ करोड़ का बजट प्रावधान रखा गया है। सौर सुजला योजना अंतर्गत वर्ष 2021-22 में इस योजना के लिये 530 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।

किसानों को दिया जायेगा बिना ब्याज का फसली ऋण

किसानों को शून्य ब्याज दर पर 5 हजार 900 करोड़ का अल्पकालीन कृषि ऋण वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है। ब्याज अनुदान के भुगतान हेतु वर्ष 2021-22 में 275 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।

बजट में किसानों के लिए अन्य मुख्य योजनायें

  • फसल बीमा योजना में 606 करोड़, कृषक समग्र विकास योजना में 81 करोड़, कृषि यंत्र सेवा केन्द्र की स्थापना एवं कृषि यंत्रों पर अनुदान एवं निःशुल्क वितरण हेतु 95 करोड़ का प्रावधान किया गया है। । प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना एवं शाकम्बरी योजना में 123 करोड़ का प्रावधान किया गया है। ।
  • नगद आमदनी के कारण फल-फूल एवं सब्जियों की खेती के प्रति कृषकों की रूचि बढ़ रही है। इस वर्ष 5 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बहुवर्षीय फलोद्यान, 4 हजार 500 हेक्टेयर में सब्जी उत्पादन तथा 13 सौ हेक्टेयर क्षेत्र में फूलों की खेती हेतु अनुदान देने का लक्ष्य रखा गया है। कुल उद्यानिकी फसलों के लिए 2021-22 में 495 करोड़ के बजट का प्रावधान रखा गया है।
  • बस्तर संभाग के 7 आदिवासी बहुल जिले एवं मुंगेली जिले के चयनित 14 विकास खण्डों में पोषण सुरक्षा तथा किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु चिराग योजना के लिए 150 करोड़ का प्रावधान।
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बजट में पशुपालकों को क्या मिला

  • गोठानों को रोजगारोन्मुखी बनाने के लिए गोधन न्याय योजना प्रारंभ की गई है। गोठान समितियों द्वारा पशुपालकों से 2 रू. किलो की दर से गोबर क्रय हेतु 80 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है।
  • स्व सहायता समूहों द्वारा गोबर से वर्मी कंपोस्ट एवं अन्य उत्पाद तैयार किया जा रहा है। अब तक 71 हजार 300 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया जा चुका है।
  • वर्तमान में 7 हजार 841 स्व-सहायता समूह गोठान की गतिविधि संचालित कर रहे हैं। इन समूहों के लगभग 60 हजार सदस्यों को वर्मी खाद उत्पादन, सामुदायिक बाड़ी, गोबर दिया निर्माण इत्यादि विभिन्न गतिविधियों से 942 लाख की आय प्राप्त हो चुकी है।
  • गोठान योजना के लिये वर्ष 2021-22 के बजट में 175 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।

बजट में मछली पालकों को क्या मिला

  • मत्स्य पालन हेतु उपलब्ध जल क्षेत्रों में से 95 प्रतिशत क्षेत्र को विकसित करके 2 लाख से अधिक मछुआरों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
  • स्वयं की भूमि पर तालाब निर्माण कर मत्स्य पालन की योजना राज्य में काफी लोकप्रिय है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, नील क्रांति योजना एवं प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत निजी तालाबों का निर्माण करवाया जा रहा है। वर्ष 2021-22 में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में 79 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
  • मत्स्य पालन को बढ़ावा देने हेतु इसे कृषि के समान दर्जा दिये जाने की कार्यवाही की जायेगी। वर्ष 2021-22 के बजट में मत्स्य पालन की गतिविधियों के लिये 171 करोड़ 20 लाख का प्रावधान किया गया है।

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