कृषि क्षेत्र में सिंचाई का अत्याधिक महत्व है, सिंचाई के पर्याप्त साधन उपलब्ध होने पर जहां कृषि में जोखिम कम होता है तो वहीं फसलों से पैदावार भी भरपूर मिलती है। सिंचाई के महत्व को देखते हुए सरकार किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कई योजनाएँ चला रही है। इस कड़ी में मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य में किसानों को स्थाई पम्प कनेक्शन देने के लिए “मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना” शुरू की है। योजना के तहत किसानों को स्थाई पम्प कनेक्शन के लिए लागत की मात्र आधी राशि ही देनी होगी।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार 20 सितंबर के दिन किसानों को स्थाई कृषि पंप कनेक्शन देने के लिए मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना में हितग्राहियों से फार्म भरवाने का काम शुरू किया। इस दिन मुख्यमंत्री ने एक कार्यक्रम में हरदा जिले के ग्राम जिनवानिया की श्रीमती नमिता रनवे और भैंरूदा सीहोर के श्री प्रेमनारायण पंवार के आवेदन भरवाकर योजना में नामांकन की प्रक्रिया आरंभ की और कहा कि योजना का क्रियान्वयन तत्काल आरंभ किया जा रहा है।
क्या है मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना?
मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना में 3 एचपी या अधिक क्षमता के स्थाई पंप कनेक्शन के लिए 200 मीटर तक की दूरी की 11 के.वी. लाइन के विस्तार, वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना और निम्न दाब लाइन केबल विस्तार कार्य शामिल हैं। योजना में समस्त सामग्री सहित विस्तार कार्य और इसका संधारण विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किया जाएगा। इस कार्य का 50 प्रतिशत व्यय शासन द्वारा और 50 प्रतिशत कृषक या कृषक समूह द्वारा वहन किया जाएगा। योजना के मुख्य प्रावधान इस प्रकार है:-
- अधोसंरचना विस्तार कार्य एवं सामग्री की व्यवस्था विद्युत वितरण कंपनी द्वारा की जाएगी।
- जिस पर आने वाले खर्च का 50 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार/ बिजली वितरण कंपनी देगी।
- अधोसंरचना शेष 50 फ़ीसदी का खर्च किसानों को देना होगा।
- पम्प कनेक्शन के लिए जरुरी लाइन, ट्रांसफार्मर आदि का मेंटेनेंस भी बिजली वितरण कंपनी करेगी।
- कृषकों के समूह यदि आवेदन करते हैं तो समूह के सदस्यों द्वारा समानुपातिक रूप से खर्च उठाना पड़ेगा।
- किसानों को केवल 50 फीसदी राशि भरना पड़ेगी।
- समस्त रख–रखाव संबंधी कार्य अब बिजली वितरण कंपनी करेगी।
- योजना 2 वर्ष तक लागू रहेगी जिसमें प्रथम वर्ष में 10,000 किसानों को लाभ दिया जाएगा।