back to top
28.6 C
Bhopal
शुक्रवार, फ़रवरी 7, 2025
होमविशेषज्ञ सलाहरबी की फसल की कटाई के बाद किसान भाई यह कार्य...

रबी की फसल की कटाई के बाद किसान भाई यह कार्य अवश्य करें

रबी फसल की कटाई के बाद क्या करें अक्सर किसान यह सवाल पूछते हों की रबी की कटाई हो गई है अब क्या कर सकते हैं ? के बाद खेत पूरी तरह खाली हो जाता है और यदि सिंचाई की सुविधा न हो तो गर्मी के मौसम में किसान भाई किसी भी प्रकार की फसल नहीं उपजा सकते इसलिए किसान भाई इस समय यह कार्य कर सकते हैं

मिट्टी परीक्षण

अप्रैल माह में खेत खाली होने पर मिट्टी के नमूने ले लें । तीन वर्षों में एक बार अपने खेतों की मिट्टी परीक्षण जरूर कराएं ताकि मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्वों (नेत्रजन, फास्फोरस, पोटाशियम, सल्फर, जिंक, लोहा, तांबा, मैंगनीज व अन्य) की मात्रा तथा फसलों में कौन सी खाद कब व कितनी मात्रा में डालनी है, का पता चले का पता चले । मिट्टी परीक्षण से मिट्टी में खराबी का भी पता चलता है ताकि उन्हें सुधार जा सके। जैसे कि क्षारीयता को जिप्सम से, लवणीयता को जल निकास से तथा अम्लीयता को चूने से सुधारा जा सकता है। ट्यूबवैल व नहर के पानी की जांच भी हर मौसम में करवा लें ताकि पानी की गुणवत्ता का सुधार होता रहे व पैदावार ठीक हों ।

हरी खाद बनाना

मिट्टी की सेहत ठीक रखने के लिए देशी गोबर की खाद या कम्पोस्ट  बहुत लाभदायक है परंतु आजकल कम पशु पालने के चक्कर में देशी खाद बहुत कम मात्रा में मिल रही है। इससे पैदावार में गिरावट हो रही है । देशी खाद से सूक्ष्म तत्व भी काफी मात्रा में मिल जाते हैं । अप्रैल में गेहूं की कटाई तथा जून में धान / मक्का की बीजाई के बीच 50-60 दिन खेत खाली रहते है इस समय कुछ कमजोर खेतों में हरी खाद बनाने के लिए द्वैचा, लोबिया या मूग लगा दें तथा जून में धान रोपने से 1-2 दिन पहले या मक्का बोने से 10-15 दिन पहले मिट्टी में जुताई करके मिला दें इससे मिट्टी की सेहत सुधरती है ।

यह भी पढ़ें:  गर्मियों के मौसम में किसान इस तरह करें बैंगन की खेती, मिलेगी भरपूर उपज

इस तरह बारी-बारी सभी खेतों में हरी खाद फसल लगाते व बनाते रहें । इससे बहुत लाभ होगा तथा दो मुख्य फसलों के बीच का समय का पूरा प्रयोग होगा । गेहूं – फसल पकते ही उन्नत किस्म की दरातियों से कटाई करें जिससे थकान कम होगी । फसल को गहाई से पहले अच्छी तरह सुखा लें जिससे सारे दाने भूसे से अलग हो जाए तथा फफूंद न लगे ।

सावधानियां 

गहाई के लिए सौसर की नाली ३ फुट से ज्यादा लम्बी होनी चाहिए जिसमें ढका हुआ हिस्सा 1.5 फुट से ज्यादा हो । इससे हाथ कटने कोज्ञ दुर्घटना से बचा जा सकता हैं । सौसर चलाते समय नशीली वस्तु प्रयोग न करें, ढीले कपडे न पहने, हाथ पूरा अन्दर ना डालें, रात को रोशनी का पूरा प्रबंध रखें , फसल पूरी तरह सूखी हो, यदि सौसर ट्रैक्टर से चल रहा हो तो सारे पुर्जे ढके रहे व धुए के नाली के साथ चिंगारी-रोधक का प्रबंध करें ।

यह भी पढ़ें:  फसल के अच्छे उत्पादन में सल्फर का महत्व और कमी के लक्षण, किसान कैसे दूर करें सल्फर की कमी को

पास में पानी, रेत व फस्ट ऐड बाक्स जरूर रखें ताकि दुर्घटना होने पर काम आ सके । कटाई व गहाई एक साथ कंबाइन – हारवेस्टर से भी हो जाती है । गेहूं के दानों को अच्छी तरह धूप में सुखाकर साफ करके व टूटे दानों को निकालकर ठंडा होने पर शाम को साफ लोहे के ढोलों में भंडारण करें । नमी की मात्रा 10 प्रतिशत तक रखें ससे गेहूं में कीडा नहीं लगेगा |

फसल चक्र योजना

छोटे व मझोले किसान जिनके पास भूमि कम है, अपने खेतों के लिए फसल चक्र योजना जरूर बनाऐ ताकि समय पर खाद, बीज, दवाईयां व अन्य आदान खरीद सके एवं अपनी फसल को सही भाव पर सही मंडी में बेच सकें । सही फसल चक्र से खाटों का सही उपयोग, बीमारियों व कीटों की रोकथाम तथा विशेषकर दलहनी फसलें उगाने से मिट्टी की सेहत भी बनती है ।

कुछ लाभदायक फसल चक्र इस प्रकार हैं ।

  • हरी खाद (ट्रेंचा/ लोबिया, मूंग) – मक्का /धान – गेहूं। मक्का / धान – आलू गेहूं।
  • मक्का/ धान – आलू – ग्रीष्मकार्लोन मूंग / । धान – आलू / तोरिया – सूरजमूखी ।
  • ग्रीष्मकालीन मूंगफली – आलू / तोरिया / मटर / चारा – गेहूं।

यह भी पढ़ें: गेहूं का सुरक्षित भण्डारण

download app button
whatsapp channel follow

Must Read

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
यहाँ आपका नाम लिखें

Latest News