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मंगलवार, दिसम्बर 3, 2024
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किसान अपनी फसलों को बीमारियों से दूर रखने के लिए करें जैविक पीड़कनाशक का उपयोग

जैविक पीड़कनाशक दवाओं का उपयोग

देश में अभी खरीफ़ फसलों की बुआई का समय चल रहा है। ख़रीफ़ फसलों में समयसमय पर कई कीटरोग लगते हैं जिससे फसलों को तो नुक़सान होता ही है साथ ही अलगअलग रासायनिक कीटनाशक के उपयोग से फसलों की लागत में वृद्धि होती है। ऐसे में किसान जैविक पीड़कनाशकों का उपयोग कर फसलों को विभिन्न बीमारियों से बचा सकते है।

जैविक पीड़कनाशी जैसे ट्राईकोडर्मामेटाराइजियमबैवेरियाट्राईकोकार्ड व एनपीवी दलहनीतिलहनीसब्ज़ी एवं नक़दी फसलों को मृदा जनित रोगों से बचाने में मदद करते हैं। जिससे फसलों में रोग नहीं लगते हैं। इस संबंध में अजमेर के ताबीजी फार्म उप निदेशक कृषि (कीट) डॉ. भवानी सिंह ने विस्तृत जानकारी दी।

जैविक पीड़कनाशक से किसान पा सकते हैं मृदा जनित रोगों से मुक्ति

डॉ. भवानी सिंह ने बताया कि ट्राइकोडर्मा एक मित्र फफूंद है। यह मृदा में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार की हानिकारक फफूंदो के प्रबन्धन में महत्वपूर्ण योगदान देती है। दलहनीतिलहनीसब्जियों एवं नकदी फसलों जैसे कपास, मूंगफली, ग्वार आदि में मृदा जनित कवकों द्वारा उत्पन्न होने वाले जड़ गलनतना गलनकॉलर रॉट तथा उकठा रोग के निदान के लिए ट्राईकोडर्मा का उपयोग किया जाता है।

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ट्राईकोडर्मा मृदा में रोग उत्पन्न करने वाले हानिकारक कवकों की वृद्धि रोककर उन्हें धीरेधीरे नष्ट करता है। इससे ये हानिकारक कवक फसलों की जड़ों के आसपास नहीं पनपते एवं रोग उत्पन्न करने मे असमर्थ हो जाते है।

किसान इस तरह करें जैविक पीड़कनाशी का उपयोग

केन्द्र के कृषि अनुसंधान अधिकारी (पौध व्याधि) श्री सुरेन्द्र सिंह ताकर ने बताया कि ट्राईकोडर्मा वायुमंडलीय नत्रजन (नाईट्रोजन) स्थिर करने वाले जीवाणुराईजोबियमएजोटोबैक्टरएजोस्पाईरिलम तथा पीएसबी आधारित संवर्धनों (कल्वर) के साथ भी उपचार योग्य है। ट्राईकोडर्मा संवर्धन 6-10 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से बीजोपचार किया जा सकता हैं। साथ ही बुवाई पूर्व भूमि उपचार के लिए ट्राईकोडर्मा की 2-2.5 किग्रा. मात्र को 100 किग्रा. गोबर की खाद में मिलाकर उपयोग में लिया जा सकता है।

किसान यहाँ से ले सकते हैं जैविक पीड़कनाशी

अजमेर स्थित ग्राहृय परीक्षण केन्द्र तबीजी फार्म स्थित आईपीएम प्रयोगशाला पर विभिन्न जैविक पीड़कनाशक जैसे ट्राईकोडर्मामेटाराइजियमबैवेरियाट्राईकोकार्ड व एनपीवी का उत्पादन किया जाता है। तबीजी फार्म स्थित आईपीएम प्रयोगशाला अजमेर में समन्वित कीटव्याधि प्रबन्धन प्रयोगशाला वर्ष 1997-98 से कार्यरत है। वर्तमान में ट्राईकोडर्मा तबीजी फार्म की आईपीएम प्रयोगशाला पर  सरकारी सशुल्क दर पर उपलब्ध हैं। इच्छुक किसान ट्राईकोडर्मा खरीदने के लिए कार्यालय उपनिदेशक कृषि (शस्य) एटीसी तबीजी फार्म पर सम्पर्क कर सकते है। 

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