किसानों के हितों के संरक्षण के लिए विधानसभा सत्र
देश में केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में तीन नए कृषि कानून बनाये गए हैं, इन कानूनों से किसानों को अपनी उपज कही भी बेचने में स्वतंत्रता दी गई गई है | वहीँ आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन के माध्यम से अब जरुरी वस्तुओं, कृषि जिन्सों के स्टॉक की अधिकतम सीमा हटा दी गई है जिससे अब कोई भी कितना भी चाहे स्टॉक कर सकता है | इन कानूनों को लेकर देश में कई जगह किसानों एवं विपक्षी पार्टियों द्वारा विरोध प्रदर्शन किये जा रहे हैं | पंजाब एवं हरियाणा के किसानों का विरोध प्रदर्शन जब से लेकर अभी तक जारी है | इसको लेकर कांग्रेस पार्टी ने किसान हित एवं सरंक्षण के लिए कई कदम उठाने की बात कहीं है | जिन राज्यों में कांग्रेस पार्टी की सरकार है वहां इन कानूनों के विरोध में बिल पास किये जा रहे हैं | हाल ही में पंजाब सरकार द्वारा नए कानूनों के विरुद्ध बिल पारित किए हैं | वहीँ राजस्थान सरकार विशेष सत्र बुलाकर नए कानून बनाने की बात कह रही है |
विशेष विधानसभा सत्र बुलाकर कानूनों पर की जाएगी चर्चा
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मंगलवार शाम को मुख्यमंत्री निवास पर हुई राज्य मंत्री परिषद की बैठक में केन्द्र सरकार द्वारा किसानों से सम्बन्धित विषयों पर बनाए गए तीन नए कानूनों से प्रदेश के किसानों पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा की गई। मंत्री परिषद ने प्रदेश के किसानों के हित में यह निर्णय किया कि किसानों के हितों को संरक्षित करने के लिए शीघ्र ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए। इस सत्र में भारत सरकार द्वारा लागू किए गए कानूनों के प्रभाव पर विचार-विमर्श किया जाकर राज्य के किसानों के हित में वांछित संशोधन विधेयक लाए जाएं |
न्यूनतम समर्थन मूल्य की अनिवार्यता किये जाने पर जोर
राज्य मंत्री परिषद ने फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की अनिवार्यता पर जोर दिया। साथ ही, व्यापारियों द्वारा किसानों की फसल खरीद के प्रकरण में विवाद होने की स्थिति में उसके निपटारे के लिए सिविल कोर्ट के अधिकारों को बहाल रखने पर भी चर्चा की। मंत्री परिषद का मत है कि राजस्थान में ऐसे प्रकरणों में फसल खरीद के विवादों के मण्डी समिति या सिविल कोर्ट के माध्यम से निपटारे की व्यवस्था पूर्ववत रहनी चाहिए।
नए कृषि कानूनों के लागू होने के बाद आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत सामान्य परिस्थितियों में विभिन्न कृषि जिन्सों के स्टॉक की अधिकतम सीमा हटाने से कालाबाजारी बढ़ने, अनाधिकृत भण्डारण तथा कीमतें बढ़ने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। बैठक में यह भी चर्चा की गई कि कॉन्ट्रेट फॉर्मिंग अधिनियम में न्यूनतम समर्थन मूल्य का प्रावधान रखना प्रदेश के किसानों के हित में होगा।
क्या है केंद्र सरकार द्वारा बनाये गए नए कानून
- किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020
- किसानों (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) का मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020
- आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020
मंत्री परिषद ने प्रदेश के किसानों के हित में निर्णय किया कि उनके हितों को संरक्षित करने के लिए शीघ्र ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए। सत्र में भारत सरकार द्वारा लागू किए गए कानूनों के प्रभाव पर विचार-विमर्श किया जाकर राज्य के किसानों के हित में वांछित संशोधन विधेयक लाए जाएं।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 20, 2020