बकरी पालन प्रशिक्षण (Training) कार्यक्रम
देश में पशु पालन ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के साथ ही किसानों के लिए दैनिक आय का अच्छा जरिया है। जिसमें बकरी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जिससे कम लागत में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। बकरी पालन के महत्व को देखते हुए सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रहीं हैं जिनके तहत इच्छुक व्यक्तियों को अनुदान, बैंक लोन के साथ ही प्रशिक्षण की सुविधा दी जाती है।
वहीं बकरी पालन को मुनाफे का सौदा बनाने के लिए समय–समय पर विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों, ज़िले में स्थित कृषि विज्ञान केंद्रों एवं पशु पालन विभाग द्वारा समय–समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस कड़ी में छत्तीसगढ़ के पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, अंजोरा, दुर्ग में तीन दिवसीय बकरी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
बकरी पालन प्रशिक्षण Training कार्यक्रम कब आयोजित किया जाएगा
दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग में संभागायुक्त एवं विश्वविद्यालय के कुलपति श्री महादेव कावरे के मार्गदर्शन व निर्देशन एवं कुशल नेतृत्व में पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, अंजोरा, छत्तीसगढ़ के तत्वधान में बकरी पालन प्रबंधन एवं उद्यमिता विकास में 26 जुलाई से 28 जुलाई 2023 तक तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
प्रशिक्षण में बकरी पालन पर दी जाएगी यह जानकारी
महाविद्यालय द्वारा आयोजित किए जा रहे इस बकरी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम में लाभार्थियों को बकरी पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए सभी तरह की जानकारी दी जाएगी। जैसे छत्तीसगढ़ में बकरी पालन की संभावनाएं, छत्तीसगढ़ की जलवायु के लिए उपयुक्त नस्ले, उनका आवास एवं सामान्य प्रबंधन, भोजन का प्रबंधन, बकरियों में होने वाली महत्वपूर्ण बीमारियां, उनका टीकाकरण, रोकथाम, छत्तीसगढ़ एवं भारत सरकार द्वारा बकरी पालन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही महत्वपूर्ण योजनाएँ जैसे की एन.एल.एम. एवं नाबार्ड पोषित योजनाएं, आवेदन प्रक्रिया, बैंक लोन की प्रक्रिया के बारे में विभिन्न विषय विशेषज्ञों के द्वारा सारगर्भित व्याख्यान एवं प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
बकरी पालन पर प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए कहाँ संपर्क करें?
पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, अंजोरा में आयोजित होने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिये लाभार्थियों को शुल्क देना होगा। जिसमें यदि इच्छुक व्यक्ति वहाँ बिना रहे यह प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहता है तो उसे 3 हजार रुपये (बिना रहवासी) शुल्क देना होगा वहीं यदि वहाँ रहकर प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके लिये 4 हजार रुपये (रहवासी) शुल्क जमा करना होगा।
इस प्रशिक्षण के अधिक जानकारी के लिए प्रशिक्षण प्रभारी डॉ. रामचंद्र रामटेके सहा.प्राध्यापक एवं डॉ.एस.के.तिवारी अधिष्ठाता पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, अंजोरा, दुर्ग में कार्यालयीन समय पर संपर्क किया जा सकता है।
मैं बिहार में सारण जिले से हूं और RSETI जलालपुर से बकरी पालन का ट्रेनिंग ले चुका हूं । मैं 100+5 की इकाई लगाना चाहता हूं बैंक लोन के लिए अप्लाई नहीं किया है कृपया उचित सलाह दे।
प्रोजेक्ट बनायें, अपने प्रखंड या ज़िले के पशुपालन विभाग (पशु चिकित्सालय) में संपर्क करें। बिहार में बकरी पालन के लिए ऑनलाइन आवेदन होते जब आवेदन हो तब आवेदन करें ताकि सब्सिडी एवं बैंक ऋण आसानी से मिल सके।
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जी सर बकरी पालन के लिए अपने यहाँ के पशु चिकिरसालय, प्रखंड या जिले में स्थित पशु पालन विभाग में संपर्क करें।
परिवार मे किसी की मृत्यू के बाद उनके खाते
में . पडे़ पैसे को Nominee कैसे निकालेंगा?
सर उसके लिए जिसे नॉमिनी बनाया गया होगा वही निकाल सकेगा, इसके लिए आपको बैंक में जाना होगा।
खेती का काम करते समय किसी दुर्घटना में किसान की मृत्यु होने पर एक योजना के तहत ही दिया जाएगा मुआवजा
सर यह योजनाएँ राजस्थान में संचालित हैं, आप अपने जिले के कृषि विभाग में या कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क करें।