कृषि यंत्र अनुदान 2022
कृषि का आधुनिकीकरण करने और खेती के कार्यों की नीरसता को कम करने के लिए कृषि यंत्रीकरण अत्यंत महत्वपूर्ण है। लेकिन, देश में किसानों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के चलते किसान कृषि यंत्र नहीं खरीद पाते हैं। ऐसे में सरकार द्वारा किसानों को भूमि की तैयारी, बुआई, कटाई, फसल अवशेष प्रबंधन एवं प्रोसेसिंग के लिए सब्सिडी पर कृषि यंत्र दिए जाते हैं। इसके लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं। वर्ष 2022 समाप्त होने वाला है, इस बीच केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा देश में कृषि यंत्रीकरण के लिए चल रही योजनाओं की समीक्षा जारी की गई है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी वर्षांत समीक्षा 2022 में देश में चल रही कृषि यंत्रीकरण योजना की प्रगति की जानकारी दी गई है। इसमें बताया गया है की इस वर्ष देश में अभी तक कितने कृषि यंत्र किसानों को सब्सिडी पर दिए गए हैं, साथ ही अभी देश में कितने कस्टम हायरिंग केंद्र, हाई-टेक हब एवं फार्म मशीनरी बैंकों की स्थापना की गई है।
वर्ष 2022 में कितने कृषि यंत्रों की खरीद पर दिया गया अनुदान Subsidy
वर्षांत समीक्षा 2022 में बताया गया है कि 2014-15 से मार्च, 2022 की अवधि के दौरान कृषि यंत्रीकरण के लिए 5490.82 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। जिसमें जनवरी, 2022 तक किसानों को सब्सिडी पर उपलब्ध कराई गई मशीनों और उपकरणों की संख्या 13,78,755 थी, जो दिसम्बर, 2022 में बढ़कर 13,88,314 हो गई है। अर्थात् वर्ष 2022 में जनवरी से लेकर अभी तक कुल 9,559 कृषि यंत्रों पर सब्सिडी दी गई है।
कस्टम हायरिंग केंद्र, हाई टेक हब एवं फार्म मशीनरी बैंकों की स्थापना
किसानों को किराये पर मशीनें और उपकरण उपलब्ध कराने के लिए दिसम्बर, 2022 में 18,824 कस्टम हायरिंग सेंटर, 403 हाई-टेक हब और 16,791 फार्म मशीनरी बैंक काम कर रहे हैं, जबकि जनवरी, 2022 तक 16,007 कस्टम हायरिंग सेंटर, 378 हाई-टेक हब और 16309 कृषि मशीनरी बैंक उपलब्ध थे। अर्थात् इस वर्ष देश में 2817 कस्टम हायरिंग केंद्र, 25 हाई-टेक हब और 421 कृषि मशीनरी बैंक की स्थापना की गई है।
चालू वर्ष 2022-23 के दौरान 65302 मशीनों का सब्सिडी पर वितरण करने के लिए, अब तक लगभग 504.43 करोड़ रुपये की राशि 2804 सीएचसी, 12 हाई-टेक हब और 1260 ग्राम स्तरीय फार्म मशीनरी बैंकों की स्थापना के लिए जारी की जा चुकी है।
पराली प्रबंधन के लिए इस वर्ष जारी किए गए 698.10 करोड़ रुपए
फसलों की पराली जलाने के कारण वायु प्रदूषण को दूर करने के लिए पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और एनसीटी दिल्ली की सरकार के प्रयासों में सहयोग करने के लिए, 2018-19 से 2021-22 तक की अवधि के दौरान इन राज्यों को मशीनीकरण की प्रक्रिया के माध्यम से पराली प्रबंधन के लिए 2440.07 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है। फसलों की पराली प्रबंधन मशीनों के 38,422 कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) स्थापित किए गए हैं और इन चार राज्यों के इन सीएचसी और अलग-अलग किसान को 2.07 लाख से अधिक मशीनों की आपूर्ति की गई है।
चालू वर्ष में, 698.10 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है और राज्यों ने फसलों की पराली के मूल स्थान और बाहर प्रबंधन के लिए 47,500 फसल पराली प्रबंधन मशीनों की आपूर्ति करने का लक्ष्य रखा है।
किसानों को सब्सिडी पर दिए गए 239 ड्रोन
उप-मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन (एसएमएएम) योजना के अंतर्गत किसान ड्रोन प्रचार के लिए 124.26 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है, जिसमें 79,070 हेक्टेयर भूमि में उनके प्रदर्शन के लिए 317 ड्रोन की खरीद और सब्सिडी पर किसानों को 239 ड्रोन की आपूर्ति और किराए पर किसानों को ड्रोन सेवाएं प्रदान करने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को 1,519 ड्रोन की आपूर्ति की गई।
Mali ke liye form nahi bhar paya kya ab kuch ho sakata hai kya
अब जब दोबारा से प्रशिक्षण के लिए आवेदन होंगे तब जानकारी दी जाएगी।