back to top
28.6 C
Bhopal
शुक्रवार, सितम्बर 13, 2024
होमकिसान समाचारकिसान कब करें सोयाबीन की बुआई ? जानिए क्या है सोयाबीन...

किसान कब करें सोयाबीन की बुआई ? जानिए क्या है सोयाबीन की बुआई का सही समय

सोयाबीन की बुआई कब करें किसान

खरीफ सीजन में सोयाबीन तिलहन की मुख्य फसल है, कई राज्यों में इसकी खेती प्रमुखता से की जाती है। वैसे तो सोयाबीन की बुआई का समय हो गया है, परंतु इस वर्ष मानसून के आने में देरी होने से किसान अभी असमंजस में है की सोयाबीन की बुआई कब करें। सोयाबीन उत्पादक कई राज्यों में अभी मानसून के आने में देरी है जिससे इन राज्यों अभी काफी तेज गर्मी पड़ रही है, ऐसे में किसानों को सोयाबीन की बुआई कब करनी चाहिए इसकी जानकारी आज हम आपके लिए लेकर आए हैं।

वैसे तो अभी तक किए गए अनुसंधान में पाया गया है की सोयाबीन की बुआई के लिए जून माह के दूसरे सप्ताह से जुलाई माह का प्रथम सप्ताह सबसे उचित होता है, परंतु यदि मानसून के आने में देरी हो तो किसान इसकी बुआई थोड़ा रुककर कर सकते हैं। किसानों को मानसून आने के बाद ही जब कम से कम 10 सेमी वर्षा हो जाए उसके बाद ही सोयाबीन की बुआई करनी चाहिए।

यह भी पढ़ें   पौधों को जमीन के पास से काटकर नुकसान पहुंचाता है कटुआ कीट, किसान ऐसे करें इसका नियंत्रण

बुआई के समय सोयाबीन में कितना यूरिया एवं डीएपी डालें

किसानों को अंतिम बखरनी के पहले पूर्णतः पकी हुई गोबर की खाद की अनुशंसित मात्रा 5 से 10 टन/हेक्टेयर या कम्पोस्ट 5 टन/हेक्टेयर या वर्मी कम्पोस्ट 2.5 टन प्रति हेक्टेयर की दर से मिट्टी में मिला देना चाहिए।

सोयाबीन की फसल के लिए आवश्यक पोषक तत्वों 25:40:60:20 किलोग्राम/ हेक्टेयर (नाईट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश व सल्फर) की पूर्ति केवल बोनी के समय करनी चाहिए। इसके लिए इनमें से कोई भी एक उर्वरकों के स्रोत का चयन किया जा सकता है। 

  1. यूरिया 56 Kg + 375-400 Kg सिंगल सुपर फास्फेट व 67 Kg म्यूरेट ऑफ़ पोटाश, या 
  2. डी..पी. 125 Kg + 67 Kg म्यूरेट ऑफ़ पोटाश + 25 Kg /हेक्टेयर  बेन्टोनेट सल्फर, या 
  3. मिश्रित उर्वरक 12:32:16 का 200 किलोग्राम + 25 Kg / हेक्टेयर बेन्टोनेट सल्फर का छिड़काव करें।

किसान इस तरह करें सोयाबीन की बुआई

पिछले कुछ वर्षों में मानसूनी बारिश की अनिश्चितताओं के चलते सोयाबीन की फसलों को काफी नुकसान होता रहा है। जिसके चलते बहुत से किसानों ने तो सोयाबीन की खेती करना ही छोड़ दिया है। सोयाबीन को अधिक वर्षा या कम वर्षा की स्थिति से बचाने के लिए किसान ऊंची क्यारी विधि या रिज एंड फरो विधि से ही सोयाबीन की बुआई करनी चाहिए।

यह भी पढ़ें   मंडी में गेहूं ले जाने से पहले किसान करें यह काम, वरना नहीं खरीदा जाएगा समर्थन मूल्य पर गेहूं

किसानों को उपलब्धता अनुसार अपने खेत में विपरीत दिशाओं में 10 मीटर के अंतराल पर सबसोइलेर नमक यंत्र को चलाना चाहिए, जिससे भूमि की जलधारण क्षमता में वृद्धि होगी एवं सूखे की अनपेक्षित स्थिति में फसल को अधिक दिन तक बचाने में सहायता मिलेगी। 

download app button
google news follow
whatsapp channel follow

1 टिप्पणी

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
यहाँ आपका नाम लिखें

ताजा खबरें