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पाला एवं ओले से 65 फ़ीसदी फसल हुई खराब, सरकार ने दिए विशेष गिरदावरी के निर्देश

ओला वृष्टि एवं पाला से हुए फसल नुकसान का आंकलन

जनवरी महीने में किसानों की फसलों को प्राकृतिक आपदाओं जैसे शीतलहर, पाला, आंधी-बारिश एवं ओला वृष्टि से काफी नुकसान हुआ है। जिसको लेकर राजस्थान सरकार ने ओला वृष्टि, पाला व शीतलहर से रबी फसल में हुए नुकसान का आकलन करने के लिए विशेष गिरदावरी के निर्देश दे दिए हैं। राजस्थान के कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने कहा है कि राज्य सरकार प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।

कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश के सभी क्षेत्रों में ओलावृष्टि से नुकसान हुआ है। सभी जिला कलक्टर को इस संबंध में तत्काल सर्वे कर विशेष गिरदावरी की रिपोर्ट आपदा प्रबंधन विभाग को भेजने के लिए निर्देशित कर दिया गया है। फसली नुकसान के आकलन के लिए पटवारी मौके पर जाएंगे और कलक्टर को रिपार्ट देंगे।

कौन सी फसल को हुआ कितना नुकसान

कृषि मंत्री ने विधानसभा में जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2022-23 में रबी फसल में 109 लाख 55 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हुई है। प्रारम्भिक अनुमान के अनुसार गेहूं की फसल के 29 लाख 65 हजार हेक्टेयर बोये गए क्षेत्रफल में से लगभग 42 हजार हेक्टेयर, जौ फसल के 4 लाख 8 हजार हेक्टेयर बोये गए क्षेत्रफल में से 19 हजार हेक्टेयर, चना फसल के 20 लाख 57 हजार हेक्टेयर बोये गए क्षेत्रफल में से 2 लाख 25 हजार हेक्टेयर में 2 से 40 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है।

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सरसों व तारामीरा का कुल बोये गए 39 लाख 36 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में से 9 लाख 83 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में 2 से 65 प्रतिशत तक का खराबा हुआ है। इसी तरह सब्जियां एवं उद्यानिकी फसलों के कुल बोये गए 15 लाख 89 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में से 2 लाख 22 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में 2 से 60 प्रतिशत तक खराबा हुआ है।

इन ज़िलों में हुआ सबसे अधिक फसलों को नुकसान

वर्ष 2023 के जनवरी महीने में पाले एवं शीत लहर से कुल बोये गए क्षेत्रफल 109 लाख 55 हजार हेक्टेयर में से लगभग 14 लाख 92 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में 2 से 65 प्रतिशत तक फसल नुकसान होने की सूचनाएं हैं। यह नुकसान प्रमुख रूप से श्रीगंगानगर, हनुमानगढ, चूरू, झुन्झुनूं, जयपुर, जालोर, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, सीकर, भरतपुर, पाली, अजमेर, जोधपुर और प्रतापगढ़ में हुआ है।

किसानों को दिया जाएगा मुआवजा

कृषि मंत्री ने बताया कि प्रभावित किसानों को आपदा राहत कोष व प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के मापदण्डों के अनुसार राहत दी जा रही है। उन्होंने जन प्रतिनिधियों से कहा कि फसली नुकसान की सूचना प्राप्त होने पर वे विभाग को सूचित करें, ताकि प्रभावित किसानों को हर स्तर पर सहायता मिल सके। राज्य सरकार प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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