back to top
शुक्रवार, मई 3, 2024
होमकिसान समाचारसरकार ने दोगुनी की मुआवजा राशि, अब केले की फसल खराब होने...

सरकार ने दोगुनी की मुआवजा राशि, अब केले की फसल खराब होने पर किसानों को दिया जाएगा इतना मुआवजा

केला फसल नुकसान होने पर मुआवजा

देश में प्रतिवर्ष प्राकृतिक आपदाओं जैसे बेमौसम बारिश, ओला वृष्टि, बाढ़ आदि से किसानों की फसलों को काफी नुकसान होता है। किसानों को होने वाले इस नुकसान की भरपाई के लिए सरकार किसानों को मुआवजा देती है। इस कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में केले की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ा निर्णय लिया है। मध्य प्रदेश के मंत्री परिषद ने केले की फसल को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए दिए जाने वाले अधिकतम मुआवजे को दोगुना कर दिया है।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में समत्व भवन में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। इस विषय में जानकारी देते हुए राज्य के कृषि मंत्री ने बताया कि अब केले की फसल की क्षति होने पर अधिकतम राशि 3 लाख रूपये से बढ़ा कर 6 लाख रूपये कर दी गई है।

केला फसल को नुकसान होने पर कितना मुआवजा दिया जाएगा?

मध्य प्रदेश मंत्रिपरिषद द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड छ. क्रमांक 4 के परिशिष्ट-1 (एक) () की तालिका में केले की फसल हानि पर वर्तमान में आर्थिक अनुदान सहायता के लिए निर्धारित मापदण्डों में संशोधन को मंजूरी दी गयी। केला की फसल में 25 से 33 प्रतिशत क्षति होने पर 30 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर अनुदान सहायता राशि, 33 से 50 प्रतिशत क्षति होने पर 54 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर अनुदान सहायता राशि एवं 50 प्रतिशत से अधिक क्षति होने पर 2 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर अनुदान सहायता राशि करने की स्वीकृति दी गई। वहीं आर्थिक अनुदान सहायता राशि की अधिकतम देय सीमा 3 लाख रूपये के स्थान पर 6 लाख रूपये तक कर दी गई है।

यह भी पढ़ें   मौसम चेतावनी: 9 से 12 अगस्त के दौरान इन जिलों में हो सकती है भारी बारिश

मंडी एवं निराश्रित शुल्क में दी जाएगी छूट 

इसके अतिरिक्त मंत्री परिषद ने केंद्र/राज्य शासन की संस्थाओं द्वारा भारत सरकार कीप्राइस सपोर्ट स्कीममें प्रदेश के कृषकों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अधिसूचित कृषि उपज के उपार्जन पर मंडी शुल्क की छूट के साथ में निराश्रित शुल्क के भुगतान पर भी छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया। साथ ही प्राइस सपोर्ट स्कीम में वर्ष 2022 (विपणन मौसम 2022-23) में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपार्जित ग्रीष्मकालीन मूँग एवं ग्रीष्मकालीन उड़द पर भी निराश्रित शुल्क में छूट प्रदान की गई है।

इन सिंचाई परियोजना को दी गई मंजूरी 

मंत्रिपरिषद द्वारा सीपअम्बर काम्पलेक्स सिंचाई परियोजना फेस-2 लागत राशि 190 करोड़ 11 लाख रूपये सैंच्य क्षेत्र 13 हजार 457 हेक्टेयर की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। परियोजना से सीहोर जिले की भैरूंदा तहसील के 24 ग्रामों की 13 हजार 457 हेक्टेयर सैंच्य क्षेत्र में सिंचाई सुविधा का लाभ प्राप्त होगा।

यह भी पढ़ें   यदि आपके पास पशु है तो बारिश के मौसम में करें यह काम, नहीं होगा आर्थिक नुकसान

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
यहाँ आपका नाम लिखें

ताजा खबरें

डाउनलोड एप