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शुक्रवार, अप्रैल 26, 2024
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किसान आंदोलन की पूरी कहानी तथा सरकार से वार्ता, विफल रहने पर आंदोलन रहेगा जारी 

किसान आंदोलन की पूरी कहानी तथा सरकार से वार्ता, विफल रहने पर आंदोलन रहेगा जारी 

2 अक्टूबर के दिन देश के दो महान व्यक्ति का जन्म हुआ था | एक महात्मा गाँधी जो देश तथा दुनिया को अहिंसा का मार्ग दिखाया, तो दुसरे लालबहादुर शास्त्री जो देश के बड़े किसान नेता हुए जिन्होंने देश को नारा दिया “ जय जवान जय किसान” | इस वर्ष 2 अक्टूबर दोनों नारा गलत साबित हो रहा है | आज अहिंसा के दिन हिंसा हो रही है तो दूसरी तरफ हिंसा भी जय जवान और जय किसान के बीच हो रही है | यह हिंसा जवान तथा किसान के बीच के कारणों से नहीं बल्कि किसानों की अपनी मांगों को लेकर हो रहा है | देश में पिछले कुछ वर्षों से आंदोलन अलग – अलग मांगों को लेकर तेज हो गया है |

इसी कड़ी में 23 सितम्बर को उतराखंड के हरिद्वार से शुरू हुआ, किसान क्रांति भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले दिल्ली पहुंचा है | किसान क्रांति 23 सितम्बर से शुरू होकर दिल्ली के राजघाट पर खत्म होनी थी लेकिन दिल्ली तथा यूपी पुलिस ने यूपी गेट पर बैरिगेट्स लगाकर रोक दिया | तथा पश्चिमी दिल्ली में 8 अक्टूबर तक धारा 144 भी लगा दी गई है |

इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत तथा यूपी के मुख्य मंत्री के बीच वार्ता सोमवार को हुई थी, लेकिन विफल रही | इस वार्ता बेनतीजा रहने पर किसान क्रांति अपने तय योजना के तहत दिल्ली के लिए कुच किया | जो 2 अक्तूबर के सुबह यूपी गेट पर पहुंची थी | इस जगह पर पुलिस तथा किसानों के बीच झरप भी हुई | इसमें पुलिस के तरफ से वाटर कैनल, आंसू गैस के गोले तथा लाठी का इस्तेमाल किया गया | जिसमें 30 से ज्यादा किसान घयल होगया है | सभी किसनों को स्प्तल में भर्ती किया गया है |

इस बीच भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधि मंडल तथा कृषि राज्य मंत्री के बीच वार्ता हुआ था | जो बिफल रहा है | इसके बाद किसान प्रतिनिधि मंडल तथा केंद्रीय गृह मंत्री के अगुआई वाली समिति के बीच हुआ है | किसानों के तरफ से श्री धर्मेन्द्र मलिक, श्री अजमेर सिंह लखोवाल, श्री युद्धवीर सिंह, श्री के.टी. गंगाधर, श्री राजपाल शर्मा, श्री अनिल तालान, श्री वीरेंद्र डागर, श्री पूरण सिंह, श्री संजय चौधरी, श्री सुखदेव सिंह गिल, श्री रमा स्वामी, श्री डेविसन, श्री एम.राम, श्री के.वी. राजकुमार एवं श्री के.वि.एलनकिरन उपस्थित थे |

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जबकि सरकार के तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के अगुआई में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल के सदस्य चौधरी लक्ष्मी नारायण सिंह तथा श्री सुरेश रना सहित सांसद श्री अनिल जैन उपस्थित थे |

लगभग 3 घंटे चली इस वार्ता के पश्चात् किसानों की समस्याओं के प्रभावी रूप से निराकरण के संबंध में सरकार द्वारा निम्नलिखित करवाई करने का निर्णय लिया गया है |

भारतीय किसान यूनियन तथा सरकार के बीच के वार्ता की नतीजा

  • खेती खलिहानी के कम काज में लगे वाहनों की आयु के लिए कोई समय सीमा न निर्धारित की जाए |
  1. दस वर्ष से अधिक डीजल वाहनों के संचालन पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा लगाई गई रोक के विरुद्ध सरकार पुनर्विचार याचिका अतिशिघ्र दाखिल करेगी | राज्यों को भी समीचीन करवाई करने के लिए सूचित किया जाएगा |
  • मनरेगा को खेती – बड़ी से जोड़ा जाए |
  1. मनरेगा को खेती से जोड़ने के लिए निति आयोग के तत्वधान में मुख्यमंत्रियों की उच्चस्तरीय समिति गठित की जा चुकी है जो किसानों के प्रतिनिधि को भी शामिल किया जाएगा |
  2. खेती में काम आने वाली बस्तुओं को जी.एस.टी. के 5 प्रतिशत की दर में सम्मिलित करने के लिए यह विषय जी.एस.टी परिषद में शीघ्र ही उचित निर्णय के लिए रखा जायेगा |
  • सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर किसान की फसल खरीदने वालों पर अपराधिक मुकदमा दर्ज हो |
  1. सरकार के बजट घोषणा के अनुसार लागत पर 50 प्रतिशत अधिक एम.एस.पी. घोषित करने के निर्णय का रबी फसलों में भी अनुपालन किया जाएगा और उसी के अनुसार सभी अधिसूचित फसलों पर इसकी घोषणा की जाएगी | इसके साथ ही किसानों की खरीदी की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्य सरकारों को केंद्र की तरफ से एडवाइजरी भेजी जायेगी जिससे कि उनकी सभी फसलों का उचित दम सुनिश्चित किया जा सकेगा |
  • देश में फसलों की अच्छी उत्पादन होने पर आयत नहीं किया जाए |
  1. पर्याप्त पैदावार होने वाली फसलों के आयात को रोकने के लिए कानून सम्मत हर संभव प्रयास किया जाएगा | खरीदी के लिए अनुमत अवधि को 90 दिन किया जाएगा |
  • कृषि कर्ज तथा प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना में संसोधन किया जाए |
  1. प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना के कार्यान्वयन के संबंध में उठाये गए मुद्दों पर कृषि राज्यमंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत जी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जायेगा | यह समिति फसल बीमा योजना एवं किसान क्रेडिट कार्ड योजना के कार्यान्वयन में आ रही परेशानियों पर किसान संगठनों से विमर्श के उपरांत अपनी संस्तुति देगी जिस पर सरकार किसानों के हित में निर्णय लेगी |
  • प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना में पशुओं से होने वाली नुकसान को शामिल किया जाये |
  1. जंगली पशुओं द्वारा फसलों को हो रहे नुकसान के संबंध में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दिशा – निर्देशों में संशोधन करके इस जोखिम को योजना में पायलट आधार पर शामिल किया गया है | इससे आशा की जाती है कि पायलट में अनुभव के आधार पर सभी प्रभावित जिलों में लागु किया जा सकेगा |
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इसके अलावा भी भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख मांग थी जिसमें कृषि कर्ज माफ़ , मुफ्त बिजली, किसानों को 5,000 रुपया का मासिक पेंसन, 2 सप्ताह के भीतर गन्ना किसानों का बकाया भुगतान , भूमि अधिग्रहण अधिनियम में किसी भी तरह की संसोधन नहीं  किया जाये | जिसे लेकर किसान आंदोलन अभी जरी है |

किसानों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन जरी ही नहीं बल्कि और तेज कर दिया है | अब सरकार को यह दर है की यह आंदोलन व्यापक रूप ले सता है | जिसके चपेट में पूरा देश आ सकता है | खास बात यह है ईएसआई वर्ष 3 राज्यों में विधान सभा चुनाव है | अगर यह आंदोलन व्यापक रूप लिया तो इसका नुकसान सरकार को उठाना पड़ सकता है | प्रशासन ने गाजियाबाद के सभी स्कुल तथा कालेज अगले आदेशा तक बंद कर दिया गया है |

अरविन्द केजरीवाल,अखिलेश सिंह, अजित सिंह, योगेन्द्र यादव कई दिग्गज नेता आये किसान क्रांति के समर्थन में

 

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