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बुधवार, सितम्बर 11, 2024
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यहाँ भेड़ एवं बकरियों को मुफ्त में लगाया जा रहा है पी.पी.आर. रोग का टीका

बकरियों एवं भेड़ों में पी.पी.आर. रोग टीकाकरण अभियान

देश में पशुओं को होने वाले विभिन्न संक्रामक रोगों से बचाने के लिए सरकार द्वारा पशुओं को टीका लगाया जाता है। इसके लिए पशुपालन विभाग की ओर से कई योजनाएँ चलाई जा रही है। इस कड़ी में बिहार पशुपालन निदेशालय द्वारा राज्य के चयनित जिलों के प्रत्येक गाँव में बकरियों एवं भेड़ों में पी.पी.आर. रोग के नियंत्रण के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। योजना के तहत चयनित जिलों में 20 दिसंबर तक भेड़ एवं बकरियों का निःशुल्क टीकाकरण किया जाएगा।

पशुपालन निदेशालय, बिहार द्वारा राज्य में 20 दिसंबर तक पीपीआर रोग नियंत्रण कार्यक्रम 2023 के तहत राज्य के 10 चयनित जिलों में भेड़ एवं बकरियों का निःशुल्क टीकाकरण किया जाएगा। इन जिलों में पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, पूर्णिया, कटिहार, मधेपुरा, समस्तीपुर, सिवान एवं शिवहर जिले शामिल हैं। सभी पशुपालक इस दौरान अपनी भेड़ एवं बकरियों को टीका लगवाकर इस रोग से बचा सकते हैं। बता दें कि टीकाकरण कार्यक्रम प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक आयोजित किया जाएगा।

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इन भेड़ एवं बकरियों को लगाया जाएगा पी.पी.आर. का टीका

पशुपालन विभाग द्वारा पीपीआर रोग नियंत्रण कार्यक्रम 2023 के तहत भेड़ एवं बकरियों का निःशुल्क टीकाकरण किया जा रहा है। इसमें टीकाकर्मियों द्वारा पहले से निर्धारित तारीख़ के अनुसार 4 महीने से ऊपर के मेमनों, भेड़ों एवं बकरियों का पीपीआर रोग से बचाव हेतु फ्री में टीकाकरण किया जाएगा। किसी भी योग्य बकरी एवं भेड़ का टीकाकरण नहीं होने अथवा टीकाकरण के दौरान राशि की माँग करने की शिकायत पशुपालक पशुपालन निदेशालय, बिहार पटना में कर सकते हैं।

भेड़ एवं बकरियों में पी.पी.आर रोग क्या है?

यह रोग काटा या गोट प्लेग के नाम से भी जाना जाता है। यह एक संक्रमित बीमारी है जो भेड़ एवं बकरियों में होती है। यह बीमारी भेड़ों की अपेक्षा बकरियों में 4 माह से 1 साल  के बीच में ज्यादा जानलेवा होती है। यह एक खास प्रकार के विषाणु (मोरबिली वायरस) के द्वारा होती है जो रिंडपेस्ट से मिलती-जुलती है। यह बीमारी दो प्रकार की होती है, पीपीआर ऐक्यूट और सब ऐक्यूट।

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पीपीआर रोग को टीकाकरण के माध्यम से पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए पहला टीका 3-4 महीने की उम्र तक लगाया जाता है। एक बार टीकाकरण के बाद दोबारा तीन वर्ष की आयु तक टीकाकरण की आवश्यकता नहीं होती है।

अधिक जानकारी के लिए यहाँ संपर्क करें

योजना से जुड़ी किसी भी जानकारी या शिकायत के लिए पशुपालक पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान, बिहार पटना के नियंत्रण कक्ष के फोन नंबर 0612-2226049 पर कॉल कर सकते हैं। टीकाकरण से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए पशुपालक अपने प्रखंड या जिले के पशुपालन विभाग या पशु चिकित्सालय में भी संपर्क केर सकते हैं।

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