ब्याज मुक्त ऋण योजना
देश में किसानों को कृषि में निवेश के लिए आवश्यक पूँजी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकार द्वारा किसानों को कम ब्याज दरों पर बैंक से ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इसमें हरियाणा सरकार राज्य में किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से डेढ़ लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त कर्ज उपलब्ध करा रही है। इस सम्बंध में सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा की प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों द्वारा किसानों को ऋण देने का जो तरीक़ा पहले से चलता आ रहा था वही चलता रहेगा इसमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है।
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा की प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को डेढ़ लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त कर्ज दिया जाता है। प्रदेश की समितियां हर वर्ष किसानों को लगभग छह हज़ार करोड़ रुपये का ऋण प्रदान करती हैं। जिससे किसानों को कृषि से जुड़े खर्चों की व्यवस्था करने में काफी मदद मिलती है। समितियों द्वारा न केवल किसानों बल्कि ठेके पर जमीन लेकर खेती करने वाले काश्तकारों को भी ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
ब्याज जमा करने वालों को वापस की जाएगी राशि
सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश की कुछ समितियों में किसानों ने ऋण का पैसा ब्याज के साथ जमा करवा दिया है उन समितियों को प्रदेश सरकार ने आदेश जारी किए हैं कि वे किसानों से लिए गए ब्याज को उनके खातों में वापस जमा करें क्योंकि किसानों से ब्याज लिए जाने का कोई भी निर्णय सरकार द्वारा नहीं दिया गया है।
उन्होंने आगे बताया कि कुछ किसानों ने इस बार ऋण के साथ ब्याज की राशि भी बैंकों में जमा करवा दी थी। इस संबंध में प्रदेश सरकार की तरफ से 1 पत्र सभी पैक्स को जारी किया गया है जिसमें उन्हें निर्देशित किया गया है कि प्रदेश सरकार द्वारा किसानों से ब्याज लेने की का निर्णय फिलहाल नहीं लिया गया है इसलिए जिन किसानों ने ऋण और ब्याज की राशि जमा करवाई है उन्हें ब्याज की राशि उनके खातों में वापस कर दी जाए।
12 लाख किसानों को दिया गया ब्याज मुक्त कर्ज
हरियाणा में इस समय 751 सहकारी समितियां हैं जिनके माध्यम से प्रदेश के 12 लाख किसानों को ऋण दिया गया है जिनमें से क़रीब छह लाख किसान समय पर लेन देन कर रहे हैं। किसानों को दिए गए इस ऋण पर प्रदेश सरकार ब्याज नहीं लेती है बल्कि यह ब्याज मुक्त ऋण होता है।
गौरतलब है कि पैक्स द्वारा किसानों को बिना ब्याज के ऋण उपलब्ध कराया जाता है और उसे ऋण पर जो ब्याज बनता है उसका 4 प्रतिशत हरियाणा सरकार और 3 प्रतिशत केंद्र सरकार वहन करती है।