शॉर्ट सर्किट से खेतों में आग लगने पर दिया जाने वाला मुआवज़ा
खेती–किसानी में हर साल खेतों तथा खलिहानों में आग लगने के चलते किसानों की फसलों को काफी नुकसान होता है। यह आग कभी कभी शार्ट सर्किट के कारण, कभी बिजली के तार टूटने के कारण या किसी अन्य हादसों के कारण लगती है। जिससे किसान की वर्ष भर की मेहनत तथा पूंजी बर्बाद हो जाती है। परंतु किसानों को इस स्थिति में सरकार की और से मुआवज़ा नहीं दिया जाता है।
इस संबंध में राजस्थान की विधान सभा में विधायक श्री सुरेश टाक ने आगज़नी की घटनाओं से होने वाले नुक़सान के मुआवज़े को लेकर आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री से सवाल किया था। जिसको लेकर राजस्थान सरकार के आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री श्री गोविन्दराम मेघवाल ने बताया कि ऐसे प्रकरणों में मुआवज़ा नहीं दिया जाता है।
एसडीआरएफ नॉर्म्स में नहीं है आर्थिक सहायता देने का प्रावधान
आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री ने विधानसभा में स्पष्ट किया कि खेत–खलिहान एवं बाड़े में आग लगने तथा विद्युत शॉर्ट सर्किट से आग लगने के कारण हुए नुकसान के प्रकरणों में एसडीआरएफ नॉर्म्स के अनुसार आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि इन नियमों में भारत सरकार द्वारा बदलाव किए जाने पर ही किसानों को सहायता दी जा सकती है।
उन्होंने अपने जवाब में बताया कि किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में शहरी क्षेत्र में शून्य एवं ग्रामीण क्षेत्र में 11 आगजनी की घटनाएं घटित हुई हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से 5 घटनाएं खेत खलिहान एवं बाडे में आग लगने तथा 6 घटनाएं विद्युत शॉर्ट सर्किट से होने के कारण एसडीआरएफ नॉर्म्स अनुसार सहायता देय नहीं है।