गोबर एवं गोमूत्र की खरीद
पशुपालन को लाभ का धंधा बनाने एवं कृषि की लागत को कम करने के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। इस क्रम में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गोधन न्याय योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत किसानों से गोबर की खरीदी की जाती है, जिससे वर्मी कम्पोस्ट खाद आदि बनाया जाता है जिससे किसानों को कम दामों पर जैविक खाद उपलब्ध होती है। इस कड़ी में अब सरकार ने 28 जुलाई 2022 से गोमूत्र की खरीदी भी शुरू कर दी है, जिससे किसानों को दोहरा लाभ होगा। एक तो गोमूत्र बेचकर किसानों की आय होगी वहीं सस्ते दामों पर जैविक कीटनाशक भी उन्हें उपलब्ध हो सकेंगे।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में धूम-धाम से आयोजित हरेली पर्व के अवसर पर राज्य में गौ-मूत्र की खरीदी की ऐतिहासिक शुरूआत की। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर चंदखुरी की निधि स्व-सहायता समूह को 5 लीटर गौ-मूत्र 20 रूपए में बेचकर राज्य के पहले विक्रेता बने। निधि स्व-सहायता समूह ने गौ-मूत्र विक्रय की यह राशि श्री भूपेश बघेल के आग्रह पर मुख्यमंत्री सहायता कोष के खाते में जमा की।
इस रेट पर होगी गोबर एवं गोमूत्र की खरीदी
छत्तीसगढ़ सरकार ने गोधन न्याय योजना की शुरुआत आज से 2 साल पहले 20 जुलाई 2020 को हरेली पर्व के दिन से हुई थी । इसके तहत गौठनों में पशुपालक ग्रामीणों से 2 रुपये किलो की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है, जो आगे भी जारी रहेगी। वहीं सरकार ने आज से गोठानों के माध्यम से गोमूत्र की खरीदी भी शुरू कर दी है। जिसके बाद राज्य के पशुपालक किसान 4 रुपए प्रति लीटर की दर से गोठानों में बेच सकेंगे।
गोमूत्र एवं गोबर खरीद से क्या लाभ होंगे
सरकार का कहना है कि गोबर खरीदी के जरिए बड़े पैमाने पर जैविक खाद का निर्माण और उसके उपयोग के उत्साहजनक परिणामों को देखते हुए अब गोमूत्र की खरीदी कर इससे कीट नियंत्रक उत्पाद, जीवामृत, ग्रोथ प्रमोटर बनाए जाएंगे, ताकि राज्य के किसानों को महंगे रासायनिक कीटनाशकों के बदले सस्ते दर पर जैविक कीटनाशक उपलब्ध हो सके। इसके पीछे मकसद यह भी है कि खाद्यान्न उत्पादन की विषाक्तता को कम करने के साथ ही खेती की लागत को भी कम किया जा सके। अंधाधुंध रासायनिक खादों एवं रासायनिक कीटनाशकों का खेती में उपयोग होने से खाद्य पदार्थों की पौष्टिकता खत्म हो रही है। इन जैविक कीटनाशकों की कीमत बाजार में मिलने वाले महंगे रासायनिक कीटनाशक पेस्टिसाइड की कीमत से काफी कम होगी।
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि गोमूत्र कीटनाशक रासायनिक कीटनाशक का बहुत ही बेहतर और सस्ता विकल्प है। इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता, रासायनिक कीटनाशक से कई गुना अधिक होती है। खेतों में इसके छिड़काव से सभी प्रकार के कीटों के नियंत्रण में मदद मिलती है। पत्ती खाने वाले, फल छेदन एवं तना छेदक कीटों के प्रति गोमूत्र कीटनाशक का उपयोग ज्यादा प्रभावकारी है।
गोबर विक्रेताओं, गौठान समितियों और महिला समूहों को दिए 300 करोड़ रुपए
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा कि गोधन न्याय योजना के बहुआयामी परिणामों को देखते हुए देश के अनेक राज्य इसको अपनाने लगे हैं। इस योजना के तहत अमीर हो या गरीब सभी 2 रूपए किलो में गौठानों में गोबर बेच रहे हैं। बीते दो सालो में गोधन न्याय योजना के माध्यम से गोबर विक्रेताओं, गौठान समितियों और महिला समूहों के खाते में 300 करोड़ रूपए से अधिक की राशि अंतरित हुई है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में खेती-किसानी समृद्ध हो, किसान खुशहाल हो यह हमारी कोशिश है। जैविक खाद और जैविक कीटनाशक का खेती में उपयोग करने से खेती की लागत में कमी आएगी। खाद्यान्न की गुणवत्ता बेहतर होगी, जिससे जन-जीवन का स्वास्थ्य बेहतर होगा।
Mujhe gaumutra se kitnasak banana sikhava hai
जी आप अपने ज़िले के कृषि विज्ञान केंद्र में इसके लिए प्रशिक्षण ले सकते हैं। गोमूत्र से कीटनाशक बनाने की विधि देखने के लिए https://kisansamadhan.com/farmers-make-insecticide-pesticide-from-cow-urine-in-this-way/ दी गई लिंक पर देखें।