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शनिवार, मई 4, 2024
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अब डिजिटल तरीक़े से होगा फसलों का सर्वे, किसानों को आसानी से मिलेगा योजना का लाभ

डिजिटल क्रॉप सर्वे के लिए दिया गया प्रशिक्षण

देश में किसानों की आमदनी बढ़ाने एवं अधिक से अधिक किसानों तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुँचाने के लिए सरकार द्वारा नई तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस कड़ी में देश के चुनिंदा राज्यों में डिजिटल क्रॉप सर्वे की शुरुआत की गई है, इन राज्यों में उत्तर प्रदेश को भी शामिल किया गया है। जिसको देखते हुए राज्य में एग्री स्टेक (डिजिटल एग्रीकल्चर पब्लिक इन्फ्रास्टक्चर के अंर्तगत डिजिटल क्रॉप सर्वे की पड़ताल) के कार्य कों संपादित कराने हेतु जनपद एवं तहसील स्तर के चयनित मास्टर ट्रेनर के प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में माननीय कृषि मंत्री उत्तर प्रदेश श्री सूर्य प्रताप शाही बतौर मुख्य अतिथि तथा कृषि राज्यमंत्री श्री बलदेव सिंह ओलख जी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने इस योजना से किसानों को होने वाले विभिन्न लाभों के बारे में जानकारी साझा की।

डिजिटल क्रॉप सर्वे से किसानों मिलेगा लाभ

इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा कि डिजिटल क्रॉप सर्वे में मास्टर ट्रेनर्स की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। डिजिटल क्रॉप सर्वे किसानों के जीवन में खुशहाली की नई राह खोलेगा। डिजिटल क्रॉप सर्वे के माध्यम से फसलों के जो आंकड़े प्राप्त होंगे, उससे प्रदेश के किसानों के लिए योजना बनाने में बहुत सुविधा प्राप्त होगी।

इन आंकड़ों के आधार पर किसानों के लिए आवश्यक और उपयोगी योजनाओं को तैयार किया जा सकेगा, जो कृषकों के लिए लाभकारी होगा। इसके अतिरिक्त डिजिटल क्रॉप सर्वे के माध्यम से प्राप्त होने वाले आकड़ों से जहाँ एक और किसानों को लाभ प्राप्त होगा, वही सरकार और उपभोगता सभी इससे लाभान्वित होगें। डिजिटल क्रॉप सर्वे का कार्य पायलट बेस पर किया जा रहा हैं, उसमें उत्तर प्रदेश को भी चुना गया हैं।

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क्रॉप सर्वे से किसानों को आसानी से मिलेगा योजना का लाभ

अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि एग्रो स्टेक का उद्देश्य किसानों के लिए सस्ता ऋण, उच्च गुणवत्ता वाले कृषि इनपुट स्थानीयकृत और विशिष्ट लक्षित सलाह और बाजारों तक सुविधाजनक पहुंच प्राप्त करना आसान बनाना है। विभिन्न हितधारकों द्वारा विभिन्न किसान और कृषि केंद्रित लाभदायी योजनाओं की योजना बनाना और उन्हें लागू करने की प्रक्रिया को आसन बनाना है। एग्री  स्टेक की स्थापना के प्रारंभिक चरण में तीन बुनियादी रजिस्ट्री अभिलेखों के डायनेमिक लिंकिंग के साथ किसानों का डेटाबेस (फार्मर रजिस्ट्री), भू संदर्भित ग्राम मानचित्र (जिओ रेफरेन्स विलेज मैप), जीआईएस बेस रियल टाइम क्रॉप सोन रजिस्ट्री शामिल है।

क्रॉप सर्वे से किसानों को उनके खेत में बोई गई वास्तविक फसल के उत्पाद बिक्री हेतु अपने अभिलेख का सत्यापन कराने के मुक्ति मिल जाएगी, जिससे किसानों को आसानी से न्यूनतम समर्थन का लाभ मिल सकेगा। फसल नुकसान की स्थिति में कृषक को वास्तविक (छत) का मुआवजा प्राप्ति में सरलीकरण हो जाएगा। समयसमय पर किसानों को उनके फसल विशेष हेतु लक्षित फसल सलाह प्रदान की जा सकेगी। बोई गई फसल के वास्तविक उपज के आँकलन हेतु मोबाइल एप के माध्यम से क्रॉप कटाई एक्सपेरिमेंट (सीसीई) का प्रभावी क्रियान्वयन संभव हो सकेगा। आपदा के दौरान फसल नुकसान होने पर राहत/अनुदान का समयबद्ध सर्वेक्षण तथा राहत वितरण संभव हो सकेगा।

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12 राज्यों में किया जा रहा है डिजिटल क्रॉप सर्वे का काम 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सचिव आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश श्रीमती मनीषा त्रिघाटिया के द्वारा बताया गया कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2023–24 में उत्तर प्रदेश को सम्मिलित करते हुए देश के 12 राज्यों में डिजिटल क्रॉप सर्वे (एग्री स्टेक) अर्थात मोबाइल एप के माध्यम से खसरा पड़ताल (पड़तालों) का कार्य पायलट आधार पर कराया जा रहा है। डिजिटल क्रॉप सर्वे हेतु भारत सरकार द्वारा तैयार किये गए एग्री स्टेक मोबाइल एप के प्रूफ ऑफ़ कांसेप्ट का सफल परीक्षण कृषि एवं राजस्व विभाग के संयुक्त नेतृत्व में अमेठी जनपद की तिलोई तहसील के सराय माथी ग्राम में जून 2023 को किया गया था।

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