खरीफ फसलों की बुआई का रकबा जुलाई 2023
इस वर्ष देश में अभी तक मानसूनी वर्षा का वितरण असामान्य रहा है, जहां कई स्थानों पर बहुत अधिक बारिश से बाढ़ की स्थिति बनी हुई है तो वहीं कई राज्य सूखे का सामना कर रहे हैं। इस स्थिति में अभी तक खरीफ फसलों की बुआई सुस्त थी, जिसने अब रफ्तार पकड़ ली है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने 21 जुलाई 2023 तक खरीफ फसलों के रकबे में हुई प्रगति के आँकड़े जारी कर दिये है। जिसके अनुसार धान के बुआई के रकबे में अच्छी वृद्धि दर्ज की गई है, वहीं दलहन फसलों की बुआई का रक़बा अभी भी कम बना हुआ है।
बुआई के रकबे को लेकर धान को लेकर बड़ी खबर आई है। कृषि मंत्रालय के आँकड़ों के अनुसार मौजूदा ख़रीफ़ सीजन में पिछले साल की समान अवधि में लगभग 3 फीसदी का इज़ाफ़ा देखने को मिला है। ख़ास बात यह है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने नॉन–बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया है। जिसकी वजह से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चावल की क़ीमतों में इज़ाफ़ा देखने को मिल रहा है। वहीं दलहन के बुआई रकबे में लगभग 10 फ़ीसदी की कमी दर्ज की गई है। जिसका असर आगामी सीजन में दालों पर देखने को मिल सकता है।
अभी क्या है धान एवं दलहन बुआई का रक़बा
चालू खरीफ सीजन में 21 जुलाई तक धान की बुवाई का क्षेत्रफल तीन फीसदी बढ़कर 180.2 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि दलहन का रकबा 10 फीसदी घटकर 85.85 लाख हेक्टेयर रह गया है। पिछले साल इसी अवधि में धान का रकबा 175.47 लाख हेक्टेयर और दलहन का रकबा 95.22 लाख हेक्टेयर था। धान खरीफ की मुख्य फसल है, जिसकी बुवाई आमतौर पर दक्षिण–पश्चिम मानसून के साथ शुरू होती है। देश के कुल चावल उत्पादन का लगभग 80 फीसदी खरीफ सत्र से आता है। आंकड़ों के अनुसार, मोटे अनाज का रकबा 21 जुलाई तक बढ़कर 134.91 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले साल इसी अवधि में 128.75 लाख हेक्टेयर था।
तिल और सोयाबीन के बुआई रकबे में हुई वृद्धि
21 जुलाई 2023 तक तिलहन का रकबा बढ़कर 160.41 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले साल की इसी अवधि में 155.29 लाख हेक्टेयर था। जिसमें मूँगफली के रकबे मामूली तो तिल एवं सोयाबीन के रकबे में वृद्धि दर्ज की गई है, मूंगफली का रकबा 34.56 लाख हेक्टेयर से थोड़ा बढ़कर 34.94 लाख हेक्टेयर हो गया है। वहीं सोयाबीन का रकबा 111.31 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 114.48 लाख हेक्टेयर हो गया है। वहीं तिल का रकबा 7.20 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 8.73 लाख हेक्टेयर हो गया है।
वहीं कृषि विभाग द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार कपास का रकबा 109.99 लाख हेक्टेयर से मामूली गिरावट के साथ 109.69 लाख हेक्टेयर रह गया। गन्ने का रकबा 53.34 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 56.00 लाख हेक्टेयर हो गया है।
खरीफ फसलों के बुआई रकबे की ताजा स्थिति क्या है?
सभी प्रमुख खरीफ फसलों का कुल रकबा 21 जुलाई 2023 तक बढ़कर 733.42 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले साल की इसी अवधि में 724.99 लाख हेक्टेयर था। दक्षिण–पश्चिम मानसून ने भारत में केरल के तट पर आठ जून को दस्तक दी थी, जबकि इसकी सामान्य तारीख एक जून है। देश में अभी तक कुछ राज्यों को छोड़ दिया जाए तो अभी तक सामान्य बारिश हो चुकी है। ऐसे में आगे भी खरीफ फसलों के बुआई के रकबे में वृद्धि हो सकती है।