बीज,कीटनाशक एवं कृषि यंत्र वितरण
खेती-किसानी के कामों के लिए किसानों को खाद, बीज, कीटनाशक एवं कृषि यंत्रों की आवश्यकता होती है। अलग-अलग राज्यों में इन सामग्रियों का वितरण अलग-अलग एजेंसियों के द्वारा वितरण किया जाता है। जिससे किसानों तक यह निर्धारित दरों पर आसानी से पहुँच सकें। इस कड़ी में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की केबिनेट ने राज्य के किसानों के हित में एक अहम फैसला लिया है। राज्य सरकार के इस फैसले से राज्य के किसानों को अब सहजता से समय पर आवश्यक कृषि संबंधी आदान सामग्री की उपलब्धता छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम के माध्यम से सुनिश्चित हो सकेगी।
केबिनेट ने कृषि विभाग तथा समान प्रकृति के अन्य विभागों (लाईन डिपार्टमेंट) के लिए आवश्यक वस्तुओं के दर निर्धारण हेतु छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम को अधिकृत करने के साथ ही भंडार क्रय नियम में संशोधन करते हुए उसे बतौर एजेंसी शामिल किए जाने की अनुमति दे दी है।
कृषि विकास निगम कर सकेगा दर का निर्धारण एवं आपूर्ति
बीज एवं कृषि विकास निगम अब खेती-किसानी और उससे संबंधी गतिविधियों के लिए आवश्यक आदान सामग्री जैसे बीज, कीटनाशक, हस्तचलित, बैलचलित, पावर चलित, कृषि यंत्र एवं मशीनरी, ट्रैक्टर, पावर टीलर, ट्रेसर, शीड ड्रील आदि, कृषि अनुसंधान से संबंधित मशीन एवं इक्यूपमेंट, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन के लिए आवश्यक सामग्री के दर का निर्धारण एवं आपूर्ति कर सकेगा। छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम को अब सीएसआईडीसी तथा उद्योग विभाग से इसके लिए न तो अनुमति लेने की जरूरत होगी, न ही उन पर निर्भर रहना पड़ेगा।
कृषि विभाग और लाईन डिपार्टमेंट अब राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम से सीधे आवश्यक आदान सामग्र्री, मशीनरी, उपकरण क्रय कर किसानों को उपलब्ध करा सकेंगे। कैबिनेट के इस फैसले से अब बीज एवं कृषि विकास निगम, कृषि विभाग एवं लाईन डिपार्टमेंट के लिए वैसे ही अधिकृत एजेंसी के रूप में काम करेगा जैसे सीएसआईडी अन्य विभागों के लिए छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियम के अंतर्गत अधिकृत एजेंसी है।
अब सीएसआईडीसी के ऊपर नहीं रहना होगा निर्भर
उल्लेखनीय है कि अभी तक कृषि विभाग एवं लाईन डिपार्टमेंट के लिए आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम, सीएसआईडीसी पर आश्रित था, क्योंकि भंडार क्रय नियम में सामग्री की आपूर्ति के लिए सीएसआईडीसी एक मात्र अधिकृत एजेंसी थी। भंडार क्रय नियम में अब बीज एवं कृषि विकास निगम बतौर एजेंसी शामिल कर लिया गया है। इससे न सिर्फ बीज एवं कृषि विकास निगम के कार्य क्षेत्र का दायरा बढ़ेगा, बल्कि वह किसानों के हित एवं आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए दर निर्धारण और सामग्री आपूर्ति के लिए अधिकृत एजेंसी के तौर पर काम कर सकेगा।