मानसून पूर्वानुमान 2023
देश में किसानों के लिए मानसूनी वर्षा सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि किसानों की खरीफ फसलें पूरी तरह से मानूसनी वर्षा पर ही निर्भर करती है। ऐसे में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD ने इस वर्ष के लिए मानसून के केरल पहुँचने का पूर्वानुमान जारी कर दिया है। मौसम विभाग के अनुसार इस वर्ष देश में मानसून की शुरुआत 4 जून से हो सकती है, वहीं प्राइवेट मौसम पूर्वानुमान ऐजेंसी स्काईमेट का कहना है की इस वर्ष 7 जून को मानसून केरल पहुँचेगा।
मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण पश्चिम मानसून की शुरुआत 1 जून से मानी जाती है। दक्षिण पश्चिम मानसून 1 जून को लगभग 7 दिनों के मानक विचलन के साथ केरल में आ जाता है।
4 जून को केरल पहुँचेगा मानसून
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD के मुताबिक़ इस वर्ष दक्षिण पश्चिम मानसून का केरल में आगमन सामान्य तिथि की तुलना में थोड़ी देरी से शुरू होने की सम्भावना है। मानसून का केरल में आगमन 4 जून तक होने की सम्भावना है। जो 4 दिन आगे पीछे हो सकता है। वहीं स्काई मेट के अनुसार इस साल केरल के ऊपर दक्षिण पश्चिम मानसून की शुरुआत 07 जून से हो सकती है इसमें 3 दिन आगे या पीछे होने की सम्भावना है।
वर्ष 2005 से IMD जारी कर रहा है मानसून आने की भविष्यवाणी
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD पिछले 18 वर्षों (वर्ष 2005-2022) से प्रत्येक वर्ष मानसून के केरल पहुँचने की तारीख़ की भविष्यवाणी कर रहा है। जो अभी तक वर्ष 2015 को छोड़कर सही साबित हुए हैं। पिछले पाँच सालों में IMD की भविष्यवाणी और मानसून आने की तारीखों की तुलना:-
- वर्ष 2018 में केरल 29 मई को मानसून आया था, वहीं मौसम विभाग ने 29 मई का ही पूर्वानुमान जारी किया था।
- 2019 में केरल 8 जून को मानसून आया था, वहीं मौसम विभाग ने 6 जून का पूर्वानुमान जारी किया था।
- 2020 में केरल 1 जून को मानसून आया था, वहीं मौसम विभाग ने 5 जून का पूर्वानुमान जारी किया था।
- 2021 में केरल 3 जून को मानसून आया था, वहीं मौसम विभाग ने 31 मई का पूर्वानुमान जारी किया था।
- 2022 में केरल 29 मई को मानसून आया था, वहीं मौसम विभाग ने 27 मई का पूर्वानुमान जारी किया था।
इस वर्ष कैसा रहेगा मानसून
मौसम विभाग ने इस वर्ष अपने पहले पूर्वानुमान में मानसून के सामान्य रहने की सम्भावना जताई है। IMD के मुताबिक़ इस वर्ष देश में मात्रात्मक रूप से, मानसून मौसमी वर्षा ± 5 प्रतिशत की मॉडल त्रुटि के साथ लंबी अवधि के औसत ( एलपीए ) का 96 प्रतिशत होने की संभावना है। जबकि 1971-2020 के आंकड़ों के आधार पर पूरे देश में मौसमी वर्षा का एलपीए 87 सेमी है। वही स्काईमेट वेदर ने अपने पूर्वानुमान में 94 फ़ीसदी बारिश होने का अनुमान लगाया है।