किसान की मृत्यु होने पर दिया जाने वाला मुआवजा
कृषि कार्य करते हुए किसान विभिन्न प्रकार कि दुर्घटनाओं के शिकार हो जाते हैं। इसमें आकाशीय बिजली गिरने, बाढ़, बिजली के करंट, फसल में आग लगने, मशीन पर काम करते हुए या किन्हीं अन्य कारणों से किसान की मृत्यु हो हो जाती है। ऐसे में किसान परिवार को आर्थिक मदद करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा मुआवज़ा दिया जाता है।
किसानों को दिया जाने वाला यह मुआवज़ा अलग–अलग राज्य सरकारों के द्वारा अलग–अलग योजनाओं के तहत दिया जाता है। परंतु राजस्थान सरकार द्वारा राज्य में दो योजनाएँ चलाई जा रही है, जिनके तहत दुर्घटना में किसान की मृत्यु होने पर सहायता राशि दी जाती है। इसको लेकर विधान सभा में विधायक श्री हीराराम ने दुर्घटना में किसान की मृत्यु होने पर दिए जाने वाले मुआवजे को लेकर सवाल किया था।
किसी एक योजना के तहत ही दिया जाता है मुआवजा
कृषि विपणन राज्यमंत्री श्री मुरारी लाल मीणा ने शुक्रवार 21 जुलाई को विधानसभा में स्पष्ट किया कि कृषि कार्य करते समय किसान की दुर्घटना में मृत्यु होने पर राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना तथा मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना की पात्रता की स्थिति में आश्रित को सहायता राशि किसी भी एक योजना में ही देय है।
उन्होंने विधायक श्री हीराराम के द्वारा पूछे गये प्रश्न का जबाब देते हुए स्पष्ट किया कि राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना के अन्तर्गत कृषि कार्य करते समय दुर्घटना में किसान की मृत्यु होने पर आश्रित को संबंधित मण्डी समिति द्वारा आर्थिक सहायता राशि दिये जाने का प्रावधान है।
किसान की मृत्यु होने पर कितना पैसा दिया जाता है?
श्री मीणा ने बताया कि कृषि कार्य करते समय दुर्घटना में मृत्यु का प्रकरण राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना के दिशा–निर्देशों में कवर होने पर 2 लाख रूपये की सहायता मण्डी समिति कोष से दी जाती है। उन्होंने बताया कि मण्डी समिति द्वारा दी गई सहायता राशि का पुनर्भरण राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा इस बाबत गठित कोष से किया जाता है।
इस कोष में प्रतिवर्ष 25 करोड़ रुपये की राशि राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड से तथा 25 करोड़ रुपये की राशि विशिष्ठ एवं अ श्रेणी की मण्डी समितियों से अंशदान के रूप में प्रदान की जाती है।
कृषि विपणन राज्यमंत्री ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र बिलाड़ा में बिलाड़ा, पीपाड शहर तथा भगत की कोठी एवं राजमाता विजयराजे सिंधिया कृषि उपज मण्डी समिति (अनाज) जोधपुर आती है। उन्होंने बताया कि विगत 3 वर्षो में 2020-21 से 2023-24 तक 43 आवेदकों को 71.85 लाख रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराई गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि योजनान्तर्गत दी जा रही सहायता राशि को बढाये जाने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।