राज्य में टिड्डी कीट से किसानों को हुआ नुकसान
पिछले वर्ष से देश में टिड्डी कीट का प्रकोप बढ़ते जा रहा है | पिछले वर्ष टिड्डी कीट सिर्फ राजस्थान, गुजरात, हरियाणा एवं पंजाब राज्य तक ही सिमित थे परन्तु इस वर्ष टिड्डी कीटों का दायरा बढ़कर मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, दिल्ली एवं उत्तरप्रदेश में भी पहुँच गया है | सीमापार से लगातार टिड्डी दल का आगमन भारत देश में जारी हैं, जिससे इस वर्ष किसानों की खरीफ फसलों को टिड्डी कीट से नुकसानी का खतरा बना हुआ है | राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोय ने प्रधनामंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिख कर टिड्डी कीट के प्रकोप को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है |
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर टिड्डी प्रकोप को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि विश्व खाद्य एवं कृषि संगठन के पूर्वानुमान के अनुसार राजस्थान सहित अन्य राज्यों में खरीफ-2020 एवं रबी 2020-21 की फसलों में होने वाले संभावित नुकसान, कोरोना महामारी के कारण राज्यों की कमजोर आर्थिक स्थिति तथा किसानों के हित में यह निर्णय किया जाना उचित होगा। इससे टिड्डी प्रकोप से निपटने के लिए राज्यों की क्षमता और सुदृढ़ होगी।
टिड्डी कीट अब बहुराज्यीय समस्या है
मुख्यमंत्री ने पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री को अवगत कराया है कि इस वर्ष राज्य में 11 अप्रेल से टिड्डियों का प्रवेश हुआ और 33 में से 32 जिले इसके प्रकोप से प्रभावित हुए हैं। इस वर्ष राजस्थान के अलावा गुजरात, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश एवं महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में भी टिड्डियों का प्रकोप हुआ है। अब यह समस्या बहुराज्यीय समस्या बन चुकी है। देश में इतने बडे़ पैमाने पर टिड्डी का प्रकोप कई दशकों बाद देखा गया है। ऐसे में इस समस्या को राष्ट्रीय आपदा घोषित करना सभी प्रभावित राज्यों एवं वहां के किसानों के हित में होगा।
टिड्डी कीट से किसानों को हुआ एक हजार करोड़ रुपये का नुकसान
श्री गहलोत ने पत्र में बताया है कि वर्ष 2019-20 में राजस्थान में 12 जिलों का करीब 6 लाख 70 हजार हैक्टेयर क्षेत्र टिड्डी से प्रभावित रहा। भारत सरकार के टिड्डी चेतावनी संगठन एवं राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से टिड्डी दलों को काफी प्रभावी तरीके से नियंत्रित किया गया, लेकिन फिर भी रबी की फसलों में किसानों को एक हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है | वहीँ र्ष 2020-21 में भी राज्य में अब तक करीब 3 लाख 83 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण का कार्य किया गया है, लेकिन विश्व खाद्य एवं कृषि संगठन के पूर्व अनुमानों के मुताबिक इस वर्ष राज्य में टिड्डी का प्रकोप पहले की तुलना में काफी ज्यादा होने की आशंका है। ऐसे में केंद्र सरकार समय रहते उचित कदम उठाए।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समन्वय करे केंद्र सरकार
श्री गहलोत ने पत्र में कहा है कि टिड्डी प्रकोप एक अंतरराष्ट्रीय समस्या है। नए टिड्डी दलों की उत्पत्ति पर अंकुश लगाने के लिए उन्हें उनके उद्गम स्थलों पर ही रोकना आवश्यक है। इसके लिए केंद्र सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समन्वय कर टिड्डी से प्रभावित सभी देशों के साथ बातचीत करे, ताकि टिड्डी के प्रभावी नियंत्रण के लिए उचित कदम उठाए जा सकें। उन्होंने कहा है कि अफ्रीका एवं खाड़ी देशों में व्यापक पैमाने पर टिड्डी का प्रजनन हुआ है। इसके चलते सीमापार से लगातार टिड्डी दलों का राजस्थान सहित अन्य राज्यों में प्रवेश हो रहा है।
Written a letter to Prime Minister Shri Narendra Modi, requesting him to declare the #locustattack a national disaster. This step would be in favour of farmers as it would strengthen the capacity of states to fight with the outbreak of locusts.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) August 3, 2020