टिड्डी कीट नियंत्रण हेतु कीटनाशक पर अनुदान
खरीफ फसलों में लगने वाले कीट में एक प्रमुख कीट टिड्डी भी है | इसका प्रकोप बढ़ जाने पर फसलों को काफी नुकसान पहुंचता है इसकी रोकथाम करना अत्यन्त जरूरत है | यह कीट कम समय में अधिक तेजी से बढ़ता है | एक टिड्डी 20 से 100 तक अंडे दे सकती है तथा एक छोटा कीट पांच सप्ताह में व्यस्क हो जाता हैं | इसके बाद एक माह के बाद फिर वह छोटा कीट अंडे देने लगता है | इसका विकास उन स्थानों पर तेजी से होती है जहाँ पर जलवायु में परिवर्तन होता रहता है | अभी देश में जो मौसम की स्थिति बनी हुई है उसके अनुसार इनकी प्रजनन के लिए अनुकूल है |
मुख्यतः अभी टिड्डी कीट का प्रकोप अभी राजस्थान राज्य में सर्वाधिक है यहाँ यह कीट पाकीस्तान से भी लगातार आ रहा है जिससे हजारों हेक्टेयर की फसलें इससे प्रभावित है| इस स्थिति को देखते हुए राजस्थान सरकार राज्य के किसानों को टिड्डी के नियंत्रण के लिए सुझाव तथा कीट की रोकथाम के लिए कीटनाशक पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी दे रही है | इसकी पूरी जानकारी किसान संधान लेकर आया है |
टिड्डी कीट का नियंत्रण कैसे करें ?
राजस्थान सरकार द्वारा वैज्ञानिकों के माध्यम से टिड्डी के नियंत्रण के लिए आवश्यक कीटनाशक के नाम बताए गए हैं | यहाँ पर जो कीटनाशक का नाम दिया गया है इन सभी कीटनाशकों पर सब्सिडी दी जा रही है | यह सभी कीटनाशक वैध हैं तथा टिड्डी की रोकथाम के लिए कारगर हैं |
- बैन्डियोकार्ब 80 प्रतिशत डब्ल्यूपी 125 ग्राम
- क्लोरोपायरीफास 20 प्रतिशत ईसी 1200 एमएल
- क्लोरोपायरीफास 50 प्रतिशत ईसी 480 एमएल
- डेल्टामेंथ्रीन 2.8 प्रतिशत ईसी625 एमएल
- डेल्टामेथ्रिन1.25 प्रतिशत युएलवी 1400 एमएल
- डाईफ्ल्यूबेन्ज्युरों 25 प्रतिशत डब्ल्यूपी 120 एमएल
- लेम्बडासायलोथ्रिन 5 प्रतिशत एमएल
- लम्बडासायलोथ्रीन 10 प्रतिशत डब्ल्यूपी 200 ग्राम
- मेलाथियान 50 प्रतिशत ईसी 1850 एमएल
- एवं मेलाथ्रीन 25 प्रतिशत डब्ल्यूपी का 3700 ग्राम प्रति हैक्टेयर के हिसाब से छिड़काव करें |
टिड्डी नियंत्रक कीटनाशक पर सब्सिडी
ऊपर दिए गए सभी कीटनाशकों की लागत पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी दे रही है अथवा 500 रुपया प्रति हेक्टेयर दिया जा रहा है | किसान पंजीकृत दुकान से ही दवा की खरीदारी करें | इसकी रसीद विभाग को दें | कृषि विभाग सब्सिडी का पैसा किसानों के बैंक खातों में देगी |