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शनिवार, जनवरी 25, 2025
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जानिए इस साल मानसून में कैसी रहेगी बारिश, स्काईमेट ने जारी किया मानसून का पूर्वानुमान

Monsoon Update: वर्ष 2024 के लिए मानसून का पूर्वानुमान

देश के किसानों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है, मौसम से जुड़े अनुमान बताने वाली प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट ने इस वर्ष देश में सामान्य मानसून की भविष्यवाणी की है। स्काईमेट के अनुसार वर्ष 2024 में मानसून सीजन के दौरान सामान्य बारिश रहने की संभावना है। जो किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं, क्योंकि पिछले साल अलनीनो के चलते सामान्य से कम बारिश हुई थी। इसके चलते देश के कई हिस्सों में किसानों को सूखे का सामना करना पड़ा था।

स्काईमेट के मुताबिक 2024 का मानसून लंबे समय तक 102 प्रतिशत बारिश होगी यानि की मानसून सामान्य रहेगा। जून से सितंबर तक चार महीने की लंबी अवधि के लिए औसत (एलपीए) 868.6 मिमी है। सामान्य प्रसार एलपीए का 96-104% है। 12 जनवरी 2024 को जारी अपने पहले पूर्वानुमान में स्काईमेट ने मानसून 2024 को सामान्य माना था, जिसे अब आगे भी बरकरार रखा है।

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इन राज्यों में होगी अच्छी बारिश

स्काईमेट के अनुसार इस वर्ष दक्षिण, पश्चिम और उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में काफी अच्छी बारिश होने की संभावना है। वहीं, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के मानसून बारिश आधारित मुख्य क्षेत्रों में भी पर्याप्त वर्षा होगी। बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के पूर्वी राज्यों में जुलाई और अगस्त महीनों के दौरान कम वर्षा होने का खतरा होगा। वहीं पूर्वोत्तर भारत में सीज़न के पहले दो महीनों के दौरान सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है।

स्काईमेट के प्रबंध निदेशक जतिन सिंह के अनुसार अल नीनो तेजी से ला नीना में तब्दील हो रहा है। ला नीना साल के दौरान मानसून परिसंचरण मजबूत हो जाता है। इसके अलावा सुपर एल नीनो का मजबूत ला नीना में बदलना ऐतिहासिक रूप से एक अच्छा मानसून पैदा करने वाला रहा है।

किसानों को होगा फायदा

आज भी देश के अधिकांश क्षेत्रों में वर्षा आधारित खेती की जाती है ख़ासकर खरीफ सीजन में। अभी भी चावल, मक्का, गन्ना, कपास और सोयाबीन जैसी फसलों की खेती करने वाले अधिकांश किसान सिंचाई के लिए मॉनसून की बारिश पर निर्भर रहते हैं। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि सामान्य मॉनसून रहने पर कृषि उत्पादकता में सुधार होगा। साथ ही समय पर सिंचाई होने से फसलों की पैदावार भी बढ़ेगी। मानसून अच्छा रहने से किसानों को रबी सीजन में भी सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा।

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