देश में गेहूं का उत्पादन बढ़ाने के लिए कृषि वैज्ञानिकों और कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा नई-नई उन्नत किस्मों का विकास किया जा रहा है। जो देश की अलग-अलग जलवायु क्षेत्रों के लिए अनुकूल होने के साथ ही उनमें लगने वाले विभिन्न कीट-रोगों के लिए भी प्रतिरोधी होती है। जिससे उत्पादन लागत तो कम होती ही है साथ ही उत्पादन बढ़ने से किसानों की आमदनी में भी वृद्धि होती है।
गेहूं की एक ऐसी ही किस्म “करण बोल्ड DBW 377” का विकास गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल द्वारा किया गया है। गेहूं किस्म DBW 377 यानि की करण बोल्ड को मध्य क्षेत्र के लिए सिंचित एवं अगेती बुआई हेतु वर्ष 2024 में किस्मों के विमोचन और अधिसूचना की केंद्रीय उपसमिति द्वारा अनुमोदित किया गया है। इस किस्म को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, यूपी का झाँसी डिवीजन, राजस्थान के कोटा और उदयपुर के संभागों में लगाने के लिए अनुमोदित किया गया है।
गेहूं किस्म करण बोल्ड DBW 377 की विशेषताएं
- DBW 377 करण बोल्ड की उच्चतम उपज चेक प्रजातियों जैसे DBW 303 से 6.25 प्रतिशत, DBW 187 से 4.4 प्रतिशत एवं जी डबल्यू किस्म से 1.3 प्रतिशत अधिक पाई गई है।
- करण बोल्ड DBW 377 की सिंचित अगेती बुआई में उपज क्षमता 86.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक दर्ज की गई है।
- सस्य परीक्षणों में DBW 377 को उर्वरकों की अनुमोदित मात्रा में उपज क्षमता में प्रथम स्थान पर पाया गया है।
- इस किस्म के एक हजार दानों का भार 48 ग्राम है, जो अन्य परीक्षण किस्मों एवं चेक किस्मों से अधिक है।
- DBW 377 भूरा एवं काला रतुआ रोग के लिए प्रतिरोधी है।
- करण बोल्ड किस्म में गेहूं के ब्लास्ट रोग के लिए भी प्रतिरोधी जीन पायी गई है, जिसका औसत स्कोर 10.0 है। इस किस्म में करनाल बंट प्रतिरोधी क्षमता भी अधिक पायी गई है।
- DBW 377 में अच्छी मात्रा में प्रोटीन (11.7 प्रतिशत), उच्च हेक्टोलीटर भार 79.5, अधिक बिस्कुट फैलाव (8.5/10.0) एवं अच्छी गुणवत्ता स्कोर (7.7/10) पाया गया है।
DBW 377 से अधिकतम उत्पादन प्राप्त करने के लिए क्या करें?
गेहूं किस्म करण बोल्ड DBW 377 से अधिकतम उपज प्राप्त करने के लिए किसान बीज की बुआई से पहले टेबुकोनाजोल 2 प्रतिशत डीएस एक किलो के हिसाब से उपचारित करने के बाद बुआई करें। इस किस्म की बुआई के लिए उपयुक्त समय 1 नवंबर से 10 नवंबर के दौरान है। बुआई के लिए किसान 100 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से बीज की मात्रा का प्रयोग करें। अगेती बुआई में वृद्धि नियंजक के दो स्प्रे जो कि क्लोरमक्वाट क्लोराइड (सीसीसी) को 0.2 प्रतिशत के साथ टेबुकोनोजोल 250 ईसी को 0.1 प्रतिशत के स्प्रे को प्रथम गाँठ एवं फ्लैग पत्ती के समय व 150 प्रतिशत NPK (नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटश) की मात्रा का प्रयोग करें।


