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शुक्रवार, मई 3, 2024
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मधुमक्खी पालन के लिए सरकार देगी 90 प्रतिशत तक का अनुदान, होगी इतनी आमदनी

मधुमक्खी पालन के लिए अनुदान योजना

देश में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार कृषि के साथ-साथ सहायक गतिविधियों को भी बढ़ावा दे रही है। इसके लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार किसानों अनुदान भी उपलब्ध कराती है। इस कड़ी में बिहार सरकार राज्य में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए नई योजना शुरू करने जा रही है। जिससे मधुमक्खी पालक काफी कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा सकेंगे।

बिहार के कृषि विभाग उद्यान निदेशालय की ओर से मधुमक्खी पालन एवं मधु उत्पादन कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। योजना के तहत राज्य में 2200 मधुमक्खी बॉक्स लाभार्थी किसानों को अनुदान पर दिये जाएँगे। उद्यान विभाग जल्द ही योजना के तहत किसानों से आवेदन आमंत्रित करने जा रहा है।

मधुमक्खी पालन के लिए कितना अनुदान मिलेगा?

बिहार सरकार मधुमक्खी पालन एवं मधु उत्पादन कार्यक्रम के तहत मधुमक्खी पालकों को 75 से 90 प्रतिशत तक का अनुदान देगी। अनुदान के लिए बक्सों की अधिकतम संख्या 50 निर्धारित की गई है। योजना का लाभ पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किसानों को दिया जाएगा। अनुदान के बाद मधुमक्खी पालन से जुड़ने के लिए प्रति बॉक्स लागत 400 रुपए से लेकर 1,000 रुपये तक आएगी। सरकारी लागत प्रति बॉक्स चार हजार रुपये है। इसमें सामान्य जाती के लिए 75 प्रतिशत अनुदान और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को 90 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जायेगा।

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बॉक्स के साथ मधुमक्खी का छत्ता भी दिया जाएगा

बता दें कि योजना के तहत लाभार्थी कृषकों को मधुमक्खी पालकों को बक्से के साथ ही मधुमक्खी का छत्ता भी दिया जाएगा। छत्ते में रानी, ड्रोन और वर्कर्स के साथ 8 फ्रेम भी दिये जाएँगे। सभी फ्रेमों की भीतरी दीवार मधुमक्खियों और ब्रुड्स से पूरी तरह से ढँकी होगी। योजना में इस बार जमीन की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है।

योजना के अंतर्गत मधुमक्खी पालकों को मधुमक्खी पालन की जानकारी अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। इसके लिए पालकों को किसी भी सरकारी संस्थान के जरिए तीन दिनों का प्रशिक्षण अनिवार्य होना चाहिए ताकि लोगों को सहूलियत हो सके।

मधुमक्खी के एक बॉक्स से हो सकती है इतनी कमाई

सही ढंग से मधुमक्खी पालन करें तो एक बॉक्स से प्रति वर्ष 40 किलो शहद का उत्पादन किया जा सकता है। खुले बाजरों में एक किलो शहद की क़ीमत लगभग 400 से 500 रुपये प्रति किलो होती है। योजना के लागू हो जाने पर एक लाभार्थी व्यक्ति मात्र 400 से 1000 रुपये की लागत से एक बॉक्स खरीद सकता है। जिसपर यदि वह 40 किलो शहद उत्पादन करने में कामयाब होता है तो सालाना 16 से 20 हजार रुपए की कमाई कर सकता है।

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