इस वर्ष देश में मानसूनी वर्षा का वितरण असामान्य रहा, जिसके चलते देश के कई हिस्सों में सूखे से तो कई हिस्सों में भारी वर्षा एवं जलभराव से किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में किसानों को हुए इस नुक़सान की भरपाई सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत की जाएगी।
झारखंड सरकार राज्य में किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से फसल को हुए नुक़सान की भरपाई के लिए झारखंड राज्य फसल राहत योजना चला रही है। जिसके तहत किसानों को फसल नुकसानी का मुआवजा दिया जाएगा। किसान इसके लिए 15 अक्टूबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
फसल राहत योजना क्या है?
झारखंड सरकार किसानों को प्राकृतिक आपदाओं और प्राकृतिक दुर्घटना के कारण होने वाले फसल नुक़सान की भरपाई के लिए झारखंड राज्य फसल राहत योजना चला रही है। यह योजना फसल बीमा योजना न होकर फसल क्षति होने पर किसानों को प्रदान की जानेवाली एक क्षतिपूर्ति योजना है। यह किसानों को प्राकृतिक आपदा के कारण फसल क्षति के मामले में सुरक्षा कवच प्रदान करने तथा किसानों को एक निश्चित आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई है।
इस योजना का लाभ भू–स्वामी तथा भूमिहीन किसान दोनों ले सकते हैं। किसानों को इस योजना के तहत किसी प्रकार का बीमा प्रीमियम देने की कोई आवश्यकता नहीं होती है।सरकार सीधे ही फसल क्षति के अनुसार किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है।
किसानों को कितना मुआवजा दिया जाएगा?
फसल राहत योजना खरीफ सीजन के तहत सरकार ने मुख्य रूप से धान और मक्का की फसल को शामिल किया है। जिसमें किसानों को 30 से 50 प्रतिशत तक फसल क्षति होने पर आवेदक को 3,000 रुपए प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि दी जाएगी। वहीं फसल में 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर किसानों को 4,000 रुपए प्रति एकड़ की दर से मुआवजा राशि दी जायेगी। किसानों को यह राशि अधिकतम 5 एकड़ भूमि के लिए ही दी जाती है।
योजना के तहत पहले निबंधित किसानों को आवेदन करने के दौरान 10 रुपए और नये किसानों को 40 रुपए देने होंगे। योजना का लाभ किसानों को प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुक़सान पर ही दिया जाएगा। क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट के आधार पर ही प्राकृतिक आपदा से हुई फ़सल क्षति का आँकलन और उसका निर्धारण किया जाएगा।
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज
इस योजना में राज्य के सभी रैयत और बटाईदार किसान शामिल हो सकते हैं, जिनकी आयु 18 वर्ष से अधिक है। किसान के पास वैध आधार कार्ड संख्या होना चाहिए। कृषि कार्य करने से संबंधित भूमि दस्तावेज, रसीद, राजस्व विभाग से निर्गत भूमि पट्टा होना चाहिए। बटाईदार किसान के पास जमीन मालिक का दिया हुआ सहमति पत्र होना चाहिए।
किसान न्यूनतम 10 डिसमिल और अधिकतम 5 एकड़ के लिए आवेदन कर सकते हैं, यह योजना किसानों के लिए पूर्णतः स्वैच्छिक है। आवेदन करते समय किसानों को अपनी आधार संख्या बायोमेट्रिक प्रणाली द्वारा प्रमाणित कराना होगा।
फसल राहत योजना आवेदन फॉर्म
योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। किसानों को यह आवेदन प्रत्येक फसल (रबी एवं खरीफ) में अलग–अलग करना होता है। किसान यह आवेदन फसल राहत योजना झारखंड राज्य की ऑफिशियल वेबसाइट jrfry.jharkhand.gov.in पर जाकर कर सकते हैं। किसान यह आवेदन आवश्यक दस्तावेजों के साथ स्वयं अथवा अपने नजदीकी प्रज्ञा केंद्र पर जाकर 15 अक्टूबर 2023 तक कर सकते हैं। योजना में भाग लेने के लिए किसानों को कोई प्रीमियम नहीं देना होगा।
धान जल गया है
सर यदि फसल बीमा है तो बीमा कंपनी से संपर्क करें और फसल का सर्वे करायें।