किसानों से धान की खरीद में की गई वृद्धि
धान की खेती करने वाले किसानों के लिए राहत भरी खबर आई है। छत्तीसगढ़ में बनी नई सरकार ने किसानों से धान खरीदी के लिए नए आदेश जारी कर दिए हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों से समर्थन मूल्य पर 21 क्विंटल धान प्रति एकड़ के मान से क्रय करने का आदेश जारी कर दिया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार जनता से किए सभी वादे को पूरा करेगी। हम राज्य के किसानों से 3100 रुपये प्रति क्विंटल के मान से धान की खरीदी करेंगे।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में अभी धान की खरीदी का काम चल रहा है। राज्य में इस साल 130 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी किया जाना है। सरकार ने योजना का लाभ उन किसानों को भी देने का फैसला लिया है जो किसान अपनी धान समर्थन मूल्य पर बेच चुके हैं।
किसानों को प्रति एकड़ मिलेगा 23,355 रुपए का लाभ
सरकार के अनुसार राज्य में अब तक किसानों से समर्थन मूल्य पर मात्र 15 क्विंटल धान की खरीदी की जा रही थी, जिसे सरकार ने बढ़ाकर 21 क्विंटल कर दिया है। धान की खरीदी 3100 रुपये प्रति क्विंटल के मान से होने पर किसानों को प्रति एकड़ धान बेचने पर लगभग 23,355 रुपए का अधिक लाभ मिलेगा।
इस विषय में जानकारी देते हुए सरकार ने बताया कि पिछली सरकार द्वारा किसानों से प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान की खरीदी और चार किश्तों में इनपुट सब्सिडी के कुल भुगतान को मिलाकर अधिकतम 41,745 रुपए का भुगतान किया जा रहा था। वहीं अब किसानों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल के मान से 21 क्विंटल धान की खरीदी की जाएगी। इससे किसानों को प्रति एकड़ का धान बेचने पर कुल 65,100 रुपए का भुगतान होगा, जो उन्हें धान खरीदी के एवज में अब तक हो रहे भुगतान से 23,355 रुपए अधिक है।
25 दिसंबर के दिन किसानों को दिया जाएगा बोनस
मुख्यमंत्री ने कहा है कि किसानों को धान बेचने में किसी भी तरह की दिक्कत ना हो, इसके लिए सभी खरीदी केन्द्रों में बेहतर और पर्याप्त इंतजाम किए जाने के भी निर्देश दिए गये हैं। उन्होंने कहा कि 25 दिसम्बर को पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्व.अटल बिहारी वाजपेयी जी की जन्म-जयंती को राष्ट्रीय सुशासन दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। 25 दिसम्बर को राज्य के किसान भाईयों को 2 साल के धान की बकाया बोनस राशि के रूप में 3716 करोड़ 38 लाख 96 हजार रुपए का भुगतान किया जाएगा ।
जिन किसानों ने धान बेच दी है उन्हें भी मिलेगा लाभ
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा प्रति एकड़ धान खरीदी की अधिकतम सीमा 21 क्विंटल लिंकिग के साथ होगी। ऐसे किसान जो अपना धान पूर्व में समर्थन मूल्य पर बेच चुके हैं, उन्हें भी उक्त मात्रा के अंतर्गत धान बेचने की सुविधा दी जाएगी।
यहां यह उल्लेखनीय है कि राज्य में बीते 01 नवम्बर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए 26 लाख 86 हजार किसानों ने अपना पंजीयन कराया है। पंजीकृत धान का रकबा 33 लाख 15 हजार हेक्टेयर है। समर्थन मूल्य पर अब तक लगभग सवा 9 लाख किसान 42.20 लाख मीट्रिक टन धान समर्थन मूल्य पर बेच चुके है। यह आदेश जारी होने के बाद धान बेच चुके किसान भी 21 क्विंटल प्रति एकड़ निर्धारित मात्रा का लाभ मिलेगा।
Sonam dhane
Madhya Pradesh me kab se 3100rs hogi kharidi kripya update ho to de
सर मध्य प्रदेश सरकार ने 2700 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं ख़रीदने की घोषणा की थी, यदि सरकार इसे लागू करती है तो जानकारी दी जाएगी।
मप्र में भी 3100 का भाव किसान को मिलना चाहिए।
इस सीजन में तो अभी कोई घोषणा नहीं हुई है,
ये बकवास है 31 सौ क्यूंटल के हिसाब से पहले पैसा तो डाले हर किसान के खाते में तब मने सरकार किसान का है
सर भुगतान किया जाएगा बाद में।
Bihar me paddy ka MSP kab tak badhega kya sirf Chattisgarh me hi kisan hai
आप 15 किवंटल बोल रहे हो जबकि कांग्रेस सरकार 20 किवंटल ले रही थी झूठ तो मत बोलो
सर सरकार ने इस वर्ष से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की खरीदी शुरू की थी, पर अब सरकार बदल है और सरकार ने इस वर्ष सभी किसान जो बीच चुके हैं उनके लिए भी और जो बेचने वाले उनके लिए भी 21 क्विंटल प्रति एकड़ 3100 रुपये की दर से धान खरीदने जा रही है।
पिछले भूपेश सरकार के बोनस का पैसा बचा हुआ है उसे पुरा देना चाहिए |
25 दिसंबर के दिन किसानों को बकाया बोनस राशि का भुगतान किया जायेगा।
धान का समर्थन मूल्य 3100रु कब से लागू होगा अभी भी 2183 रु क्विं में धान खरीदा जा रहा है
एकड़ में 21क्विं बस लागू हुआ है।
धान की ख़रीदी तो समर्थन मूल्य पर ही होगी शेष बोनस राशि बाद में योजना के अंर्तगत जारी की जाएगी।
BJP सरकार की जुमला को किसान अभी से झेल रहे हैं आने वाले पांच साल में और कितना झेलाई कराएगा ये तो अनुमान लगा सकते हैं, 21 कुंटल अभी किए अच्छी बात है पर हमने तो 20 कुंटल के हिसाब से बेच दिया है, और अगर बाकी बचे हुए को बेचने जाते है तब तक तो खरीदी ही बंद हो जाएगी, क्योंकि 31 जनवरी तक ही धान खरीदा जाएगा और बचे हुए के लिए हम अभी टोकन काटने जाते है तो हमको जगह नहीं मिल पाएगा, टोकन में भीड़ बहुत है बीच में पानी गिरने के कारण यदि 31 जनवरी से समय बढ़ाया जाएगा तब ही संभव होगा।