कृषि जलवायु क्षेत्र हेतु पायलेट प्रोजेक्ट
योजना यह है
प्रदेश की क्षेत्रीय समस्याओं के समाधान करने की दिशा में कृषि क्षेत्रीय जलवायु क्षेत्र हेतु पायलेट परियोजना (नवीन योजना) संचालित की जा रही है | योजना के अन्तर्गत समस्याओं को क्षेत्रवार चिन्हित कर उनके समाधान हेतु कृषि की सर्वोतम विधियों को सघनता से अपनाने के प्रयास खोजना है | पायलेट क्षेत्र में समन्वित रूप से योजनओं का अभिसरण होने से कृषकों कों विभिन्न योजनओं का समेकित लाभ उचित रूप से मिल सकेगा |
योजना यहाँ प्रचलन में है –
फसलों के आधार पर परियोजना का कार्यक्षेत्र निमनानुसार है :
. एस.आर.आई. पद्धति से धान की उत्पादकता में वृद्धि हेतु 11 जिले सिंगरौली, उमरिया, मुरैना , सीधी , जबलपुर , सिवनी , श्योपुर , भिण्ड , ग्वालियर , बालाघाट , एवं छतरपुर चयनित है |
. हाईब्रीड मक्का बीज हेतु प्रदेश के 4 जिले झाबुआ, छिंदवाडा, बैतूल एवं अलीराजपुर परियोजना अन्तर्गत चयनित है |
. रिज एवं फरो एंड रेज्ड बेड प्लांटिग पद्धति से सोयाबीन फसल बोआई हेतु योजना में प्रदेश के 27 सोयाबीन उत्पादक जिले चयनित हैं |
क्या लाभ मिलते है
- . धन की एस.आर.आई. पद्धति के लिए – प्रति प्रदर्शन रु 3000 /- अनुदान देय है |
- . रिज एवं फरो एंड रेज्ड बेड प्लांटिग पद्धति से सोयाबीन फसल बोआई हेतु प्रतियंत्र अनुदान 50 प्रतिशत या 2500 रु. अधिकतम अनुदान डे होगा |
- . हाईब्रीड मक्का बीज हेतु कीमत का 90 प्रतिशत या 500 रु. प्रति एकड़ जो भी कम हो अनुदान डे होगा |