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मंगलवार, जनवरी 14, 2025
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असामान्य वर्षा एवं गुलाबी सुण्डी कीट से फसलों को हुए नुकसान का आंकलन कर किसानों को दिया जाएगा मुआवजा

देश से मानसून की विदाई शुरू हो गई है, इस वर्ष देश के कई जिलों में मानसून में असामान्य वर्षा हुई है। जिसके चलते किसानों की फसलों को वर्षा एवं कीट रोगों के प्रकोप से काफी नुकसान हुआ है। जिसको देखते हुए राजस्थान सरकार ने फसलों की गिरदावरी कराकर किसानों को उचित मुआवजा देने का निर्णय लिया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने असामान्य वर्षा से फसलों को हुए लगातार नुक़सान की गिरदावरी आगामी 10 दिवस के भीतर करवाकर किसानों को राहत देने के निर्देश दिए हैं। 

बुधवार 27 सितम्बर के दिन मुख्यमंत्री ने अपने निवास पर फसल नुकसान, इनपुट सब्सिडी, फसल बीमा एवं गिरदावरी के लिए समीक्षा बैठक आयोजित की। बैठक में उन्होंने अधिकारियों को फसल खराबे का आकलन कर प्रभावित किसानों को नियमानुसार मुआवजा देने के लिए गिरदावरी का काम जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।

कपास में गुलाबी सुण्डी कीट से हुए नुक़सान का भी दिया जाएगा मुआवजा

फसल नुकसान को लेकर हुई समीक्षा बैठक में जानकारी दी गई कि हनुमानगढ़, गंगानगर जिले में कपास की फसल में गुलाबी सुण्डी कीट के प्रकोप से दोनों जिलों में 2 लाख 56 हजार हैक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है, जिससे लगभग 73 हजार किसानों को नुकसान हुआ है। जिनमें 5 से 45 प्रतिशत नुकसान का अनुमान है।

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फसल बीमा योजना के अन्तर्गत कीट रोग के प्रकोप के कारण कपास फसल का उत्पादन प्रभावित होने पर बीमित किसानों को नुकसान हेतु क्लेम दिया जाएगा। अभी खरीफ 2023 में कपास की फसल कटाई प्रयोग प्रक्रियाधीन है। इन प्रयोगों से प्राप्त औसत उपज आँकड़ों के आधार पर नियमानुसार किसानों को क्लेम दिया जाएगा।

किसानों को किया गया 968.48 करोड़ रुपए के मुआवजे का भुगतान

बैठक में बताया गया कि वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में राज्य में घटित प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, सूखा, ओला वृष्टि, पाला एवं शीतलहर से प्रभावित 10.61 लाख पात्र किसानों को राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) नॉर्म्स के अनुसार 968.48 करोड़ रुपए का कृषि आदान अनुदान वितरित किया गया है। साथ ही, वर्ष 2022-23 रबी के 1895 करोड़ के बीमा क्लेम किसानों को वितरित किये जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022-23 रबी के लम्बित बीमा क्लेम किसानों को शीघ्र वितरित कराये जाये।

बाढ़, पाला, ओला वृष्टि एवं सूखे से हुए नुकसान के लिये दिया गया मुआवजा

समीक्षा बैठक में बताया गया कि राज्य में बाढ़ से प्रभावित 7.72 लाख किसानों को 563.03 करोड़ रुपए, पाला/शीतलहर में 2.65 लाख किसानों को 375.72 करोड़ रुपए, ओला वृष्टि में 6762 किसानों को 13.13 करोड़ रुपए एवं सूखा में 17089 किसानों को 16.60 करोड़ रुपए की सहायता उपलब्ध कराई गयी है। वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 के पात्र किसानों को डीएमआईएस पोर्टल के माध्यम से सहायता प्रदान की जा चुकी है।

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वहीं मुख्यमंत्री ने इस वर्ष कुछ क्षेत्रों में हुई कम वर्षा की स्थिति को देखते हुए कहा की सी वर्ष सूखा पड़ने की संभावना है। इसलिए सूखे की स्थिति से निपटने हेतु जिलों में आवश्यक तैयारी की जाए।

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