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शनिवार, अप्रैल 27, 2024
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किसान इस वर्ष लगाएँ सोयाबीन की यह नई उन्नत क़िस्में, मिलेगी बम्पर पैदावार

सोयाबीन की नई उन्नत क़िस्में 

मानसून के आने के साथ ही देश में खरीफ फसलों की बुआई का समय हो गया है। वैसे तो सोयाबीन की बुआई के लिए जून माह के दूसरे सप्ताह से जुलाई माह का प्रथम सप्ताह सबसे उचित होता है, परंतु इस वर्ष देश के कई हिस्सों में मानसून देरी से पहुँचने के कारण अभी तक सोयाबीन की फसलों की बुआई नहीं हो पाई है। किसानों को मानसून आने के बाद ही जब कम से कम 10 सेमी वर्षा हो जाए उसके बाद ही सोयाबीन की बुआई करनी चाहिए।

सोयाबीन की खेती देश के कई राज्यों में प्रमुखता से की जाती है। ऐसे में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए देश में स्थित विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों के द्वारा सोयाबीन की नईनई क़िस्में विकसित की गई हैं। जो विभिन्न रोगों के प्रतिरोधक होने के साथ ही अधिक पैदावार भी देती हैं। किसान समाधान देश के विभिन्न राज्यों एवं क्षेत्रों के लिए उपयुक्त सोयाबीन की किस्मों की जानकारी लेकर आया है।

मध्य क्षेत्र के लिए सोयाबीन की उपयुक्त क़िस्में 

NRC-142, NRC-138, NRC- 130, NRC-150, NRC- 127, JS 21-72, JS 20-94, JS 20-98, JS 20-116, RVSM 2011-35, RVS 76, RVS 24, RVS 18, AMS 100-39, AMS-1001, AMSMB 5-18

  • मध्य प्रदेश राज्य द्वारा विमोचित क़िस्में:- NRC 157, NRC 131, JS 20-69,
  • महाराष्ट्र राज्य द्वारा विमोचित क़िस्में: MAUS 725, KDS 992
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सोयाबीन की यह क़िस्में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश का बुंदेलखण्ड भाग, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र एवं मराठवाडा के लिए उपयुक्त हैं।

पूर्वी क्षेत्र के लिए सोयाबीन की उन्नत क़िस्में

MACS 1407, MACS 1460, NRC 132, NRC 147, NRC 128, NRC 136, NRCSL-1, RSC 11-07, RSC 10-46, AMS 2014-1 (पूर्वा), शालीमार सोयाबीन-1 (जम्मू एवं कश्मीर); उमियाम सोयाबीन (मेघालय), बिरसा सोयाबीन-3, RSC 11-15 (छत्तीसगढ़)

सोयाबीन की यह क़िस्में पूर्वी क्षेत्र (छतीसगढ़, झारखंड, बिहार, उड़ीसा एवं पश्चिम बंगाल) एवं उत्तर पूर्वी पहाड़ी क्षेत्र (असम, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड व सिक्किम) के लिए उपयुक्त हैं।

उत्तरी मैदानी क्षेत्रों के लिए सोयाबीन की उपयुक्त क़िस्में 

SL 1074, SL1028, NRC 128, SL 979, पंत सोयाबीन-26, PS 1572.

सोयाबीन की यह क़िस्में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के पूर्वी मैदान, मैदानीउत्तराखण्ड व पूर्वी बिहार के लिए उपयुक्त है। 

उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र के लिए सोयाबीन की उपयुक्त क़िस्में

VL सोया 99, पंत सोयाबीन 25 (PS 1556), VL सोया 89, 

  • उत्तराखंड राज्य द्वारा विमोचित वी.एल.भट्ट 201, वी.एल. सोया 77 
  • हिमाचल प्रदेश राज्य द्वारा विमोचित हिम पालम सोया-1,
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सोयाबीन की यह क़िस्में उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र के लिए उपयुक्त है।

दक्षिणी क्षेत्र के लिए उपयुक्त सोयाबीन की उपयुक्त क़िस्में

MACS NRC 1667, करूणे, NRC 142, MACS 1460, NRC 132, NRC 147, KDS 753 (फुले किमया), KDS 726 (फुले संगम)

  • महाराष्ट्र राज्य द्वारा विमोचित क़िस्में: AMS 1001 (PKV येलो गोल्ड), KDS 992 (दूर्वा) 
  • तेलंगाना राज्य द्वारा विमोचित क़िस्में: ALSB 50 

सोयाबीन की यह क़िस्में दक्षिणी क्षेत्रों कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश व महाराष्ट्र का दक्षिणी भाग के लिए उपयुक्त है।

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