दुकानदार कई बार किसानों को नकली-मिलावटी या अधिक दामों पर खाद-बीज बेच देते हैं जिससे किसानों को कई बार काफी नुकसान उठाना पड़ता है। जिसको देखते हुए कृषि विभाग द्वारा ऐसे दुकानदारों पर लगातार करवाई की जाती है। इसके लिए राजस्थान में कृषि विभाग द्वारा गुण नियंत्रण अभियान चलाया जा रहा है जिसके अंर्तगत आदान विक्रेताओं के स्टॉक एवं उर्वरक का निरीक्षण किया जा रहा है। साथ ही किसानों को खाद बीज खरीदते समय सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों को कृषि आदान खरीदते समय आदान का पक्का बिल लेने की सलाह दी है। किसानों को बिल में आवश्यक विवरण जैसे कृषि आदान का नाम, बैच संस्था, निर्माण तिथि, आयु समाप्ति तिथि तथा डीलर के हस्ताक्षर आदि की जानकारी देखने को कहा गया है।
उर्वरक निर्माता कंपनी का लाइसेंस किया गया निलंबित
कृषि विभाग के संयुक्त कृषि डॉ. सतीश शर्मा ने बताया कि किसी भी उत्पाद के संबंध में कोई भ्रामक जानकारी होने पर उसे नहीं खरीदें तथा कृषि विभाग को इसकी जानकारी दें। इसी परिपेक्ष्य में उर्वरक बैग पर भ्रामक जानकारी अंकित करने के मामले में कृषि आयुक्तालय राजस्थान, जयपुर की ओर से उर्वरक निर्माता कंपनी मैसर्स गंगापुत्र कृषक फर्टिलाइजर कंपनी का लाइसेंस निलंबित किया जा चुका है।
उर्वरक निर्माता कंपनी मेसर्स कृषक फर्टिलाइजर कंपनी की ओर से राज्य में बिना विक्रय अनुमति के कैरियर बेस्ड कंसोर्टिया को एनपीके 12:32:06 के नाम से भ्रामक उर्वरक किसानों को बेचा जा रहा था। जाँच में इसकी पुष्टि होने पर इस फर्म का लाइसेंस निलंबित करने की कार्रवाई की गई है। इससे पहले फर्म के खिलाफ कृषि विभाग श्रीगंगानगर ने जाँच की थी। इसके बाद जयपुर स्तर से यह कार्रवाई हुई है।
बता दें कि कृषि विभाग के खंड श्री गंगानगर के अतिरिक्त निदेशक (कृषि विस्तार) डॉ. सतीश शर्मा सहित 28 अधिकारियों की टीम ने श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ व अनूपगढ़ जिलों के 147 उर्वरक विक्रेता प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान गड़बड़ी करने वाले प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है।