दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के बीच केंद्र सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 2024-25 सीज़न के लिए कच्चे जूट के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP को अपनी मंजूरी दे दी है। सरकार ने इस वर्ष कच्चे जूट के समर्थन मूल्य MSP में 285 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है। इससे पहले मोदी सरकार ने फरवरी में गन्ने के एफआरपी यानी उचित और लाभकारी मूल्य में वृद्धि का एलान किया था।
अब किसानों को क्या मिलेगा कच्चे जूट का भाव
कच्चे जूट (टीडीएन-3, पहले के टीडी-5 श्रेणी के बराबर) का MSP 2024-25 सीजन के लिए 5,335 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। सरकार के मुताबिक़ इससे उत्पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत पर 64.8 प्रतिशत का रिटर्न सुनिश्चित होगा। 2024-25 सीजन के लिए कच्चे जूट का घोषित MSP सरकार द्वारा बजट 2018-19 में घोषित उत्पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर एमएसपी निर्धारित करने के सिद्धांत के अनुरूप है। सरकार के अनुसार यह निर्णय कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों पर आधारित है।
10 सालों में कच्चे जूट के MSP में की गई 122 प्रतिशत की वृद्धि
सरकार ने इस वर्ष यानि की 2024-25 सीजन के लिए कच्चे जूट के लिए MSP में पिछले सीजन की तुलना में 285 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है। वहीं सरकार के मुताबिक़ पिछले 10 वर्षों के दौरान, सरकार ने 122 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए कच्चे जूट के लिए MSP को 2014-15 में 2,400 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2024-25 में 5,335 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है।
वर्तमान सीजन 2023-24 में, सरकार ने 524.32 करोड़ रुपये की लागत से 6.24 लाख गांठ से अधिक कच्चे जूट की रिकॉर्ड मात्रा में खरीद की है। एक गांठ में 180 किलो जूट होता है सरकार का दावा है कि इससे लगभग 1.65 लाख किसानों को लाभ हुआ है।