गोबर/ बायो गैस प्लांट पर अनुदान हेतु आवेदन
ग्रामीण क्षेत्रों में गोबर आधारित गोबर/ बायो गैस का महत्व अत्यधिक है। ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्र में जलवान के लिए गोबर का प्रयोग उपला/ गोइठा के रूप में किया जाता है। किसानों के लिए गोबर/ बायो गैस प्लांट एक बहुउद्देशीय योजना है। जिससे ईंधन के साथ ही जैविक खेती के लिए खाद भी बनाई जा सकती है। गोबर/बायो गैस प्लांट के महत्व को देखते हुए बिहार सरकार ने राज्य में किसानों को गोबर गैस प्लांट पर अनुदान देने का फैसला लिया है।
ऊर्जा के लिए गोबर का उपयोग बायो–गैस के रूप में तथा प्राप्त स्लरी का उपयोग वर्मी कम्पोस्ट से उर्वरक प्राप्त करने के लिए किया जाए तो इससे किसानों को डबल फायदा होता है। गोबर/ बायो गैस प्लांट की उपयोगिता को देखते हुए सरकार किसानों को गोबर गैस प्लांट के निर्माण पर अनुदान दे रही है। इसके लिए किसान ऑनलाइन आवेदन कर योजना का लाभ ले सकते हैं।
गोबर/ बायो गैस प्लांट से क्या लाभ होगा?
गैर परम्परागत ऊर्जा के स्रोत में बायो गैस का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है। इसके उत्पादन में घरेलू एवं खेती के अपशिष्ट पदार्थों का उपयोग होता है। इन अपशिष्ट पदार्थों को एक विशिष्ट संयंत्र में डालकर प्राकृतिक प्रक्रियाओं के द्वारा बायो गैस उत्पादित करने के लिए किया जाता है।
इस विधि से उत्पादित गैस में मूलतः मीथेन, जो एक ज्वलनशील गैस है, प्राप्त होती है और इसका उपयोग आसानी से गृह कार्यों यथा खाना बनाने, रौशनी की व्यवस्था करने तथा इसके अतिरिक्त कृषि उपयोगी संयंत्रों के संचालन में किया जा सकता है।
इस प्रक्रिया के परिणाम स्वरूप अवशेष के रूप में स्लरी की प्राप्ति होती है, जिससे 25 से 30 दिनों में वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया जा सकता है। दो घनमीटर के बायो–गैस संयंत्र से माह में करीब 1.5 से 2 एल.पी.जी. सिलेंडर के बराबर गैस प्राप्त की जा सकती है।
बायो गैस/ गोबर गैस प्लांट पर कितना अनुदान (Subsidy) दिया जाएगा?
गोबर/ बायो गैस इकाई के लिए अनुदान का लाभ वैसे किसानों को दिया जाएगा जो खेती कर रहे हैं एवं जिनके पास 4-5 पशुधन है। एक किसान गोबर / बायोगैस इकाई हेतु अधिकतम 01 इकाई के लिए अनुदान प्राप्त कर सकता है।
इसकी इकाई के स्थापना के लिए दीनबन्धु मॉडल अपनाया जाता है। इसके लिए कम–से–कम 10’*12’ निजी जमीन उपलब्ध होनी चाहिए। गोबर/ बायोगैस निर्माण पर कुल लागत मूल्य 42,000 रूपये का 50 प्रतिशत या अधिकतम 21,000 रूपये/ इकाई दोनों में से जो कम हो, अनुदान राशि दी जाएगी। साथ ही 1500 रुपये (टर्न–की राशि) दी जाएगी। विभाग द्वारा एक गोबर गैस प्लांट की अनुमानित लागत 42,000 रुपए आंकी गई है जिस पर किसानों को 22,500 रुपए तक का अधिकतम अनुदान दिया जाएगा।
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज
इच्छुक किसान जो योजना का लाभ लेना चाहते हैं इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदक किसान गोबर / बायो गैस संयंत्र स्थापना करने के लिए विहित प्रपत्र में आवेदन के साथ स्व–अभिप्रमाणित पहचान पत्र, भू–स्वामित्व प्रमाण पत्र / जमीन की रसीद / जमीन से संबंधित अन्य कागजात संलग्न करना होगा। गोबर / बायो गैस संयंत्र का नक्शा एवं प्राक्कलन संलंग्न करना जरुरी है। अनुदान प्राप्त उत्पादन इकाई से गोबर / बायो गैस का उत्पादन आगामी 05 वर्षों तक करना अनिवार्य होगा। किसानों को आवेदन के साथ उक्त आशय का शपथ पत्र करना अनिवार्य होगा।
गोबर/ बायो गैस प्लांट के लिए आवेदन कहाँ करें?
किसान अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर / वसुधा केंद्र से ऑनलाइन गोबर गैस इकाई पर अनुदान हेतु आवेदन के लिए संपर्क कर सकते हैं। या स्वयं अपने मोबाईल / लैपटाप से गोबर / बायो गैस इकाई अनुदान के लिए आनलाइन आवेदन कर सकते है। इसके लिए किसान के पास पहले से 13 अंकों की डी.बी.टी. संख्या का होना आवश्यक है। जिन किसानों के पास यह संख्या नहीं है वे किसान dbtagriculture.bihar.gov.in पर पंजीकरण कर यह संख्या प्राप्त कर सकते हैं।
योजना का लाभ पहले आओ–पहले पाओ के आधार पर दिया जा रहा है। इच्छुक किसान योजना का लाभ उठाने के लिए 31 अक्टूबर 2023 तक आवेदन कर सकते हैं।
मेरे को गोबर गैस का प्लांट बनाना हे
सर जब आवेदन होंगे तब जानकारी दी जायेगी आप https://rajkisan.rajasthan.gov.in/Rajkisanweb/Home पर पंजीयन करें।
Kai bar govar gas plant तकनीकी रूप से fell ho जाते हैं, banne के बाद creak ajati he. जो की repair करने के बाद भी ठीक नहीं होती हैं,,एसे prakaran में muabja राशि का prabdhan हे क्या ..