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शनिवार, जनवरी 25, 2025
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किसान भाई रबी फसल की बुआई से पहले यह कार्य अवश्य करें

बुआई से पूर्व भूमि शोधन एवं बीज शोधन

रबी सत्र 2020–21 प्रारम्भ हो चुका है |फसलों में बहुत से कीट एवं रोग लगते हैं जिससे उत्पदकता तो कम होती ही है, कीटनाशक एवं अन्य दवाओं के प्रयोग से लागत भी बढ़ जाती है | इसलिए कीट एवं रोगों से बचने के लिए प्रमाणित बीज का प्रयोग करना चाहिए | इसके अतिरिक्त किसान ऐसी किस्मों का चयन करें जो रोग प्रतिरोधी हों | इसके आलावा किसानों को कीट रोगों के प्रकोप से बचने के लिए बीज शोधन एवं भूमि शोधन भी करना चाहिए | अत: किसान भाईयों को सलाह दी जाती है रबी की प्रमुख फसलों गेंहूँ, जौ, सरसों, आलू, चना, मटर, मसूर अदि फसलों मैं उनकी बुवाई से पूर्व ही भूमि शोधन / बीज शोधन अवश्य कर लिया जाये | जिससे भूमि जनित/बीज जनित रोगों / कीटों से फसलों का बचाव करते हुए अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सके |

भूमि शोधन एवं बीज शोधन से रबी की प्रमुख फसलों के रोगों जैसे – गेंहूँ की फसल मैं करनाल बंट रोग, अनावृत्त कण्डुवा, जौ मैं आवृत्त कण्डुवा, पत्ती का धारीदार रोग, चना मटर मसूर में उकठा रोग, सरसों में झूलसा रोग, सफ़ेद गेरुई रोग अदि फफूंद जनित रोगों से बचाव किया जा सकता है | इसी प्रकार भूमि जनित कीटों जैसे – दीमक, सफ़ेद गिंडार, सुत्रकृमि, भूमि जनित कारक जो मिट्टी में पाये जाते हैं से निजात मिल सकती है |

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बीज शोधन/ भूमि शोधन हेतु रसायन/ बायोपेस्टीसाइड जैसे – ट्रायकोडर्मा हारजेनियम 1.15% WP, ब्यूवेरियाना वैसियाना 1% WP कृषि रक्षा इकाई से ले सकते हैं | बुवाई से पहले बीज शोधन/भूमि शोधन करने से फसलों में लगने वाले रोग जैसे – बीज जनित, भूमि जनित, वायु / कीट से फैलने वाले रोगों से छुटकारा मिल जाता है | बाद में बीज जनित रोगों का कोई उपचार भी सम्भव नहीं हो पाता है | अत: आगामी बोई जाने वाली फसलों के रोगों से बचाव हेतु बीज शोधन अत्यन्त महत्वपूर्ण है |

बुआई के समय इस तरह करें भूमि शोधन

भूमि शोधन हेतु ब्यूवेरियाना वैसियाना 1% WP या ट्रायकोडर्मा हारजियम को 2.5-5 किग्रा. मात्रा को 75 किग्रा. गोबर की खाद में मिलाकर 01 हे. क्षेत्रफल में अंतिम बुवाई के समय खेत मैं मिला दें | अन्य कृषि रक्षा रसायन जैसे – कार्बोफ्युरान 3% CG की 20–25 किग्रा. मात्रा प्रयोग करना चाहिए |

किसान भाई इस तरह करें बीज शोधन

बीज शोधन हेतु कार्बेन्डाजिम 50% WP के 2–3 ग्राम प्रति किग्रा. बीज की दर से अथवा ट्रायकोडर्मा (बायोपेस्टीसाइड) 4–5 ग्राम/किग्रा. बीज की दर से उपचारित किया जाता है | बीज शोधन द्वारा फसल की रोगों से सुरक्षा कर अधिक पैदावार ली जा सकती है | जिससे आगे कीटनाशक का प्रयोग कम होने से लागत तो कम होती है उत्पादन बढ़ने से आय में भी वृद्धि होती है |

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