कुसुम योजना के तहत सोलर पम्प अनुदान के नाम पर हो रही धोखाधडी
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा गया है कि कुछ वेबसाइटें कुसुम योजना के लिए पंजीकरण पोर्टल होने का दावा कर रही है। ऐसी वेबसाइटें आम लोगों को धोखा दे रही हैं और जाली पंजीकरण पोर्टल के सहारे जमा किये गये आंकड़ों का दुरूपयोग कर रही है।
क्या है कुसुम योजना
वर्ष 2018 के बजट में केंद्र सरकार द्वारा किसान उर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (कुसुम) योजना की घोषणा की गई थी इस योजना के तहत किसानों को सौर पंप लगाने और सौर ऊर्जा संयंत्र को ग्रिड अनुदान पर स्थापित किये जाने हैं | मंत्रालय का कहना है की भारत सरकार ने हाल ही में किसानों के लिए सौर पंप लगाने और सौर ऊर्जा संयंत्र को ग्रिड से जोड़ने से संबंधित योजना को मंजूरी दी है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने 08 मार्च, 2019 को योजना की प्रशासनिक स्वीकृति दी। वि़द्युत वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) और राज्य की नोडल एजेंसियों को इस योजना के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके लिए विस्तृत दिशा-निर्देश शीघ्र ही जारी किये जाएंगे।
मंत्रालय ने जारी की सलाह
इस संबंध में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) सभी लाभार्थियों और आम लोगों को सलाह दी है कि वे इन वेबसाइटों पर न अपनी जानकारियां साझा करें और न ही पंजीयन शुल्क जमा करें। योजना के संबंध में किसी भी जानकारी के लिए डिस्कॉम/राज्य नवीकरणीय ऊर्जा नोडल एजेंसी से सम्पर्क किया जा सकता है। किसी संदिग्ध वेबसाइट के बारे में मंत्रालय को सूचना दी जा सकती है। दिशा-निर्देश और योजना कार्यान्वयन प्रक्रिया के लिए मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट www.mnre.gov.in का उपयोग करें।