कुसुम योजना के अंतर्गत किसानों को सौर पम्प पर मिलेगा 90 प्रतिशत तक अनुदान

कुसुम योजना के अंतर्गत किसानों को सौर पम्प पर मिलेगा 90 प्रतिशत तक अनुदान

बजट के अपने भाषण में वित्त मंत्री अरुण जेटली जी ने कुसुम योजना के तहत 48 हजार करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव दिया गया है | इस विषय पर ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री राजकुमार सिंह ने अपने मंत्रालय के संबंध में बजट 2018 में किये गए प्रस्तावों के मद्देजनर मीडिया को संबोधित करते हुए बजट की सराहना की। ऊर्जा क्षेत्र की भावी दिशा के संबंध में श्री सिंह ने कहा कि सरकार की प्रतिबद्धता है कि सबको 24 घंटे स्वच्छ और सस्ती बिजली प्रदान की जाए। इसे अनिवार्य बना दिया जाएगा और इसके संबंध में जल्द एक अधिनियम लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘सरकार सबको 24 घंटे स्वच्छ और सस्ती बिजली प्रदान करने की लिए प्रतिबद्ध है और अप्रैल 2019 तक हर घर को बिजली प्रदान की जाएगी। इसके तहत इस बजट में इस दिशा में जोर दिया गया है’।

कुसुम योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अन्य बातों के अलावा कुसुम योजना के तहत किसानों को अतिरिक्त आय प्रदान की जाएगी। इसके तहत किसानों को अपनी बंजर भूमि पर सौर ऊर्जा परियोजना लगाने के उपरांत उन्हें अतिरिक्त बिजली ग्रिड को बेचने का विकल्प दिया जाएगा।

किसान ऊर्जा सुरक्षा व उत्थान महाअभियान (कुसुम)। योजना के तहत 2022 तक देश में तीन करोड़ पंपों को सौर ऊर्जा से चलाया जाएगा। कुसुम योजना पर कुल 1.40 लाख करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसमें केंद्र सरकार 48 हजार करोड़ रुपये योगदान करेगी, जबकि इतनी ही राशि राज्य सरकारें देंगी। किसानों को कुल लागत का सिर्फ 10 फीसद ही उठाना होगा, जबकि लगभग 45 हजार करोड़ रुपये का इंतजाम बैंक लोन से किया जाएगा।

बिजली मंत्री आरके सिंह ने बताया कि योजना का प्रस्ताव कैबिनेट को भेज दिया गया है। पहले चरण में उन पंप को शामिल किया जाएगा जो डीजल से चल रहे हैं। इस तरह के 17.5 लाख सिंचाई पंपों को सौर ऊर्जा से चलाने की व्यवस्था की जाएगी। इससे डीजल की खपत कम होगी। यह योजना किसानों को दो तरह से फायदा पहुंचाएगी। एक तो उन्हें मुफ्त में सिंचाई के लिए बिजली मिलेगी और दूसरा अगर वह अतिरिक्त बिजली बना कर ग्रिड को भेजते हैं तो उसके बदले कीमत भी मिलेगी। योजना का विस्तृत प्रस्ताव सचिवों की समिति को भेजा गया है। उसके बाद कैबिनेट इसे मंजूरी देगा। इसे आगामी वित्त वर्ष से ही लागू किया जाएगा।

इस योजना से किसानों को दोहरा लाभ होने की उम्मीद है एक तो किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी साथ ही किसान अतिरिक्त बिजली ग्रिड को बेच पाएंगे

योजना के अन्य उद्देश्यों का हवाला देते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि योजना पूरी तरह से लागू हो जाने के बाद उसके सकारात्मक नतीजे संभावित हैं-

  • विकेंद्रित सौर ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहन
  • संप्रेषण नुकसान में कमी
  • कृषि क्षेत्र की सब्सिडी भार को कम करके बिजली वितरण कंपनियों को वित्तीय समर्थन
  • आरपीओ लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए राज्यों को समर्थन
  • ऑफ ग्रिड और ग्रिड से जुड़े सौर जल पंपों के माध्यम से निश्चित जल संसाधन जुटा कर किसानों को जल सुरक्षा प्रदान करना
  • राज्य सिंचाई विभागों की सिंचाई क्षमता के उपयोग के लिए विश्वनीय रूप से ऊर्जा प्रदान करना
  • रूफ टफ तथा बड़े पार्कों के बीच माध्यमिक दायरे में सौर बिजली उत्पादन की रिक्तता को भरना।

अभी यह योजना प्रस्तावित है, जैसे ही यह योजना लागु होगी योजना सम्बन्धी सभी जानकारी हम आप तक पहुंचाएंगे|

ताजा जानकरी के लिए पढ़ते  रहें किसान समाधान की ख़बरें और नीचे दी गई लाल घंटी को दवाएं 

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9 COMMENTS

    • बिहार में जब आवेदन होंगे तब जानकारी दी जाएगी।

  1. All government schemes for peasents upliftment are upto papers not on grounds. All the concerning officers are either passive or self
    centered and they have nothing to do with their responsibility.

    • किस राज्य से हैं आप ? अपने जिले के कृषि विभाग में सम्पर्क करें |

  2. सभी योजनाएं समाचारों तक ही सीमित रह गई हैं। धन्यवाद।

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