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कुसुम योजना के तहत सब्सिडी पर सोलर पैनल लगवाने के लिए अभी आवेदन करें

कुसुम योजना की पूरी जानकारी

किसानों को उर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर करने के लिए तथा अक्षय (सौर) ऊर्जा को बढ़ाने के लिए वर्ष 2018–19 में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान (कुसुम) योजना की शुरुआत की गई थी | इस योजना का क्रियान्वयन वर्ष 2019 – 20 से शुरू किया गया है| इस योजना के तहत किसान अपनी बंजर तथा अनुपयोगी भूमि पर सोलर पैनल लगाकर विधुत उत्पन्न करेंगे तथा उस विद्युत को राज्य सरकार खरीदेगी |

इस योजना के कंपोनेंट–ए अंतर्गत 500 किलोवाट से 2 मेगावाट क्षमता के विकेंद्रीकृत सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना वितरण निगमों के 33/11 केवी सब स्टेशनों के नजदीक 5 किलोमीटर की परिधि में स्थित किसानों की अनुपयोगी / बंजर भूमि पर की जाएगी | किसान समाधान इस योजना की पूरी जानकारी लेकर आया है |

कुसुम योजना के तहत सोलर पैनल लगवाने के लिए आवेदन

यह योजना केंद्र प्रायोजित योजना है | यह देश के सभी राज्यों में लागु की गई है | अभी राजस्थान सरकार ने किसानों से इस योजना के तहत आवेदन मांगे हैं  | कुसुम योजना के लिए आवेदन 30 नवम्बर 2019 से 31 दिसम्बर 2019 तक करना था लेकिन इसे बढाकर 15 जनवरी 2020 तक कर दिया गया है | इसलिए जो किसान कुसुम योजना के लिए इच्छुक वह 15 जनवरी 2020 तक आवेदन करें |

कुसुम योजना हेतु पात्रता

इस योजना में भाग लेने हेतु किसान, किसानों का समूह, सहकारी समितियां, पंचायत किसान उत्पादन संगठन एवं जल उपभोगता एसोसिएशन जिनके पास स्वंय की अथवा लीज की जमीन है, पात्र होंगे तथा इन्हें सौर ऊर्जा उत्पादक (solar power generator – SPG) माना जाएगा |

किसान, किसानों का समूह , सहकारी , पंचायत, किसान उत्पादक संगठन एवं जल उपभोगता एसोसिएशन आदि स्वंय की अंश पूंजी न होने की स्थिति में प्रोजेक्ट विकसित करने हेतु किसी विकासकर्ता का चुनाव कर सकेंगे तथा भूमि लीज पर देकर भूमि का किराया लीज एग्रीमेंट के आधार पर प्राप्त कर सकेंगे | इन स्थिति में विकासकर्ता को सौर ऊर्जा उत्पादक (solar power generator – SPG) माना जाएगा | निम्न का चयन विकासकर्ता के रूप में किया जा सकता है :-

  • भारत में कंपनी एक्ट 1956 एवं इसमें समय – समय पर संशोधन के तहत पंजीकृत कंपनियां
  • एसे कंसोर्सियम जिसमें 1 सदस्य लीड मेंबर (51% अंशधारक) के रूप में कार्य करें |
  • एसपीजी के रूप में चयन के बाद इसे कंपनी एक्ट में पंजीकृत कराए |
  • सिमित दायित्व कम्पनी (limited liability company – LLP)
  • रजिस्टर्ड साझेदारी कंपनी (partnership company)
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कुसुम योजना में भूमि की लीज

सौर उर्जा संयंत्र की स्थापना विकासकर्ता द्वारा करने की स्थिति में भूमि मालिक को विकासकर्ता से आपसी सहमती से दी लीज रेंट किराया प्राप्त होगा | किसानों को लीज रेंट सीधे उनके बैंक खातों में प्राप्त करने का विकल्प उपलब्ध रहेगा |

लीज रेंट की राशि रूपये प्रति एकड़ अथवा भूमि से उत्पादित बिजली की रूपये प्रति यूनिट के रूप में होगी | लीज एग्रीमेंट किसान तथा विकासकर्ता के मध्य आपसी सहमती से दी शर्तों पर होगा | वितरण निगम उक्त अनुबंध के विफल होने के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे |

वित्तीय योग्यता

किसान, किसानों का समूह , सहकारी समितियां, पंचायत, किसान उत्पादक संगठन एवं जल उपभोगता एसोसिएशन द्वारा स्वयं के निवेश से प्रोजेक्ट विकसित करने की स्थिति में किसी वित्तीय योग्यता की आवश्यकता नहीं होगी |

किसान, किसानों का समूह , सहकारी समितियां, पंचायत, किसान उत्पादक संगठन एवं जल उपभोगता एसोसिएशन द्वारा प्रोजेक्ट को किसी विकासकर्ता के माध्यम से विकसित करने पर विकासकर्ता की नेटवर्थ 1 करोड़ रु. प्रति मेगावाट होनी चाहिए | विकासकर्ता द्वारा चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा जारी नेटवर्थ सर्टिफिकेट देना होगा |

सोलर प्लांट लगवाने के लिए आवेदन शुल्क

आवेदक द्वारा सौर ऊर्जा सयंत्र के आवेदन हेतु रूपये 5000 प्रति मेगावाट + जी.एस.टी की दर से आवेदन शुल्क प्रबंध निदेशक राजस्थान अक्षय निगम के नाम से डिमांड ड्राफ्ट के रूप में जमा करना होगा | (0.5 मेगावाट के लिए 2500 रूपये, 1 मेगावाट के लिए 5000 रूपये, 1.5 मेगावाट के लिए 7500 रूपये, 2 मेगावाट के लिए 1,0000 रूपये + जी.एस.टी.)

धरोहर राशि (EMD)

स्वयं की अंशपूंजी से सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के इच्छुक आवेदक / विकासकर्ताओं द्वारा रूपये 1,00000  प्रति मेगावाट की दर से धरोहर राशि जमा करानी होगी | यह राशि प्रबंध निदेशक, राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम, जयपुर के पक्ष में डिमांड ड्राफ्ट अथवा बैंक गारंटी के रूप में देनी होगी | बैंक गारंटी की वैदयता कम से कम 6 माह होनी चाहिए | इसे सफल आवेदकों को पीपीए साइन करने के 15 दिन बाद लौटा दिया जायेगा |

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प्रोजेक्ट निष्पादन सुरक्षा राशि (PBG)

सौर ऊर्जा लगाने हेतु चयनित एस पी जी को रूपये 5 लाख प्रति मेगावाट की दर से प्रोजेक्ट निष्पादन सुरक्षा राशि जमा करानी होगी | यह राशि प्रबंधक निदेशक , राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम, जयपुर के पक्ष में बैंक गारंटी के रूप में देनी होगी तथा इस की वैदयता कम से कम 15 माह होनी चाहिए | पीबीजी को एस पी जी द्वारा प्रोजेक्ट चालू होने के 30 दिन बाद लौटा दिया जायेगा |

किसान द्वारा प्रोजेक्ट लगाने पर खर्च  और आय

1.

सौर उर्जा सयंत्र की क्षमता

1 मेगावाट

2.

अनुमानित निवेश (solar प्लांट व 11 केवी लाइन व अन्य खर्चे सम्मलित करते हुये)

3.5 से 4.00 करोड़ रु. प्रति मेगावाट

3.

अनुमानित वार्षिक विधुत उत्पादन

17 लाख यूनिट

4.

अनुमानित टेरिफ (आरईआरसी के ड्राफ्ट में प्रस्तावित दर)

3.14 रु.प्रति यूनिट

5.

कुल अनुमानित वार्षिक आय

53 लाख रु.

6.

अनुमानित वार्षिक खर्च

5 लाख रु.

7.

अनुमानित वार्षिक लाभ

48 लाख रु.

8.

25 वर्ष की अवधि में कुल अनुमानित आय

12 करोड़

किसान द्वारा भूमि लीज पर देने पर

1.

1 मेगावाट हेतु भूमि की आवश्यकता

2 हेक्टेयर

2.

प्रति मेगावाट विधुत उत्पादन

17 लाख यूनिट

3.

अनुमानित लीज रेंट (लीज रेंट की अनुमानित दर 10 पैसे से 20 पैसे प्रति यूनिट के आधार पर)

1.70 लाख से 3.40 लाख

कुसुम योजना राजस्थान की अधिक जानकारी हेतु  यहाँ संपर्क करें

कुसुम योजना से संबधित विस्तृत जानकारी हेतु सम्पर्क अधिकारी

  1. सुनीत माथुर , महाप्रबंधक , RRECL, जयपुर, मोबाईल नंबर – 9414265888
  1. सुरेन्द्र वशिष्ठ, परियोजना प्रबंधक, RRECL, जयपुर, मोबाईल नंबर – 9461561594
  1. एन.के.गुप्ता, तकनीकी प्रबंधक, RRECL, जयपुर, मोबाईल नंबर – 9560383358

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