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दिसम्बर में सभी जिलों में आयोजित किया जाएगा कृषि यंत्र मेला, किसान सब्सिडी पर खरीद सकेंगे कृषि यंत्र: कृषि मंत्री

कृषि यंत्रीकरण मेला 2023

देश में किसानों को कृषि की आधुनिक तकनीकों से अवगत कराने के लिए सरकार द्वारा समय-समय पर कृषि मेलों एवं कृषि प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है। इस कड़ी में बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने 04 दिसंबर के दिन विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र के सोनपुर मेला में कृषि प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कृषि विभाग द्वारा प्रकाशित कृषक हितकारी हमारी योजनाएँ (कृषक हस्तक) एवं खेती किसान का विमोचन किया।

इस अवसर पर कृषि मंत्री सर्वजीत कुमार ने सरकार द्वारा राज्य में किसानों के हित में चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। साथ ही उन्होंने दिसंबर महीने में सभी जिलों में आयोजित होने वाले कृषि यंत्रीकरण मेले के बारे में भी बताया। इसके अलावा उन्होंने सभी किसान भाइयों से मेले में कृषि प्रदर्शनी का लाभ उठाने का आग्रह किया।

कृषि यंत्र अनुदान के लिए लॉटरी के माध्यम से होगा चयन

कृषि मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि दिसम्बर महीने में सभी जिलों में यंत्रीकरण मेला का भी आयोजन किया जा रहा है। अन्य विकल्पों के साथ भी किसान मेला में कृषि यंत्र क्रय करने का विकल्प किसानों को दिया जा रहा है। साथ ही, किसानों को मेला में कृषि यंत्र से संबंधित प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। कृषि यंत्रीकरण योजना में ‘‘पहले आओ, पहले पाओ’’ प्रणाली की त्रुटियों को दूर करने के लिए इस वर्ष योजना में लॉटरी प्रणाली के माध्यम से किसानों को कृषि यंत्र उपलब्ध कराया जायेगा।

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इस वर्ष इन छोटे कृषि यंत्र पर भी मिलेगा अनुदान

कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि इस बार छोटे-छोटे किसानों को भी कृषि यंत्र का लाभ मिल सके इसके लिए बड़े यंत्रों के साथ छोटे-छोटे यंत्र जैसे हसुआ, कुदाल, खुरपी आदि पर भी अनुदान दिया जा रहा है। पाँच छोटे-छोटे यंत्र को पैकेज बनाकर मैनुअल एग्रीकल्चर कीट बनाया गया है। सरकार किसानों को इस मैनुअल एग्रीकल्चर कीट पर 80 प्रतिशत अनुदान दे रही है। इस कीट में पाँच यंत्र हसुआ, मेज सेलर, खुरपी, मैनुअल वीडर एवं कुदाल को शामिल किया गया है। जिसकी कीमत 1 हजार रुपए है लेकिन किसानों को इसके लिए मात्र 200 रुपए देना होगा।

क्यों लगाया जाता है सोनपुर पशु मेला

पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि सोनपुर में कभी गज एवं ग्राह की लड़ाई हुई थी। गज अपने को असुरक्षित महसूस कर भगवान से मदद की गुहार लगाई थी एवं भगवान असहाय गज की पुकार सुन स्वयं प्रकट होकर ग्राह से गज की रक्षा की थी। यहाँ बाबा हरिहरनाथ जी का भव्य पौराणिक मंदिर भी है। प्राचीन हरिहरनाथ मंदिर हिन्दुओं का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है, जहाँ वर्षों से कार्तिक पूर्णिमा से एक महीने तक के लिए विश्व प्रसिद्ध मेला का आयोजन किया जाता रहा है। आज भारत में जहाँ लोक संस्कृति दिनों-दिन विलोपित होती जा रही है, वहीं सोनपुर का यह मेला अपनी पौराणिक धरोहर को जीवंत बनाये रखा है। आज भी सोनपुर मेला पशु मेला के रूप में विश्व प्रसिद्ध है।

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