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रविवार, अप्रैल 28, 2024
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किसानों को मशरूम उत्पादन की तकनीक पर दिया गया 3 दिनों का प्रशिक्षण

मशरूम की खेती के लिए प्रशिक्षण 

देश में मशरूम की उत्पादकता एवं उत्पादन बढ़ाने के सरकार किसानों को इसकी खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए युवाओं एवं किसानों को न केवल प्रशिक्षण दिया जा रहा है बल्कि सरकार की ओर से सब्सिडी भी उपलब्ध कराई जा रही है। मशरूम एक ऐसा व्यवसाय है जिसे कम से कम लागत में शुरू किया जा सकता है एवं कम समय में अधिक मुनाफ़ा भी कमाया जा सकता है।

इस कड़ी में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान में मशरूम उत्पादन तकनीक विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में राज्य के विभिन्न जिलों जैसे हिसार, फतेहाबाद, जींद, भिवानी, करनाल, पानीपत, रोहतक, रेवाड़ी के प्रशिक्षणार्थियों ने भी भाग लिया।

साल भर कर सकते हैं मशरूम की खेती 

विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि मशरूम एक ऐसा व्यवसाय है जिसे कम से कम लागत में शुरू किया जा सकता है। भूमिहीन, शिक्षित एवं अशिक्षित युवक व युवतियां इसे स्वरोजगार के रूप में अपना सकते है तथा सारा वर्ष भी मशरूम की विभिन्न प्रजातियों जिनमें सफ़ेद बटन मशरूम, ओयस्टर या ढींगरी, मिल्की या दूधिया मशरूम, धान के पुवाल की मशरूम इत्यादि उगाकर सभी मौसम के हिसाब से इसका उत्पादन किया जा सकता है। सरकार द्वारा भी किसानों तथा बेरोजगार युवाओं को इसे एक व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

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सफेद बटन मशरूम का होता है सबसे अधिक उत्पादन

मशरूम एक संतुलित आहार है इसमें कई तरह के पौष्टिक तथा औषधीय गुण मौजूद होते हैं, जिसके फलस्वरूप इसके नियमित सेवन से मनुष्य में रोगों एवं विकारों से बचाव में सहायक होती है। मशरूम उत्पादन के लिए कृषि अवशेषों का इस्तेमाल किया जाता है जिससे खाद्य सुरक्षा की सुनिश्चिता के साथसाथ वायु प्रदूषण से भी निजात मिलेगी।

विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि अभी हाल ही में हरियाणा में 21,500 मैट्रिक टन मशरूम का उत्पादन हुआ, जिसमें लगभग 99 प्रतिशत से ज्यादा उत्पादन सफेद बटन मशरूम का ही है। दिल्ली, लुधियाना, चंडीगढ़ के अलावा कई अन्य छोटे बड़े शहरों के साथसाथ गावों में भी इसकी मांग बनी रहती है और इसको बेचने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होती है।

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