कहीं आपकी धान का तना सूख तो नहीं रहा है
यदि आपकी धान की फसल में तना सूख रहा है तो उसमें तना छेदक कीट होने की संभावना है | इस कीट की इल्ली अवस्था फसल के कंसा एवं गभोट अवस्था में तने के अंदर घुसकर इसे खाती है जिससे क्रमश: सूखा तना व सूखी बालियां बनती हैं जो खींचने पर आसानी से बाहर निकल जाती है । लगातार वर्षा एवं बादल होने के कारण कही-कही धान में तनाछेदक की शिकायत होती है । विशेष तौर पर उन खेतों में जहां लंबे समय से पानी भराव की स्थिति बनी हुई है एवं विलंब से धान रोपाई का कार्य हुआ है। धूप न होने से यह शिकायत बढ़ सकती है, अतः कृषक गण लगातार फसल निरीक्षण करते रहे, जहां यह शिकायत प्रारंभिक अवस्था है, वहां प्रभावित पौधों को उखाड़कर जला देवें।
नियंत्रण
धान की 25-50 दिवस की रोपाई वाली फसल में कारटॉप हाइड्रोक्लोराइड 4 जी 7.5 कि.ग्रा. प्रति एकड़, 50 से 60 दिन की रोपाई वाली फसल में कारटॉप हाइड्रोक्लोराइड 50 प्रतिशत एसपी 300-400 ग्राम प्रति एकड़ की दर से उपयोग कर सकते है।
- कार्बोफ्यूरान 3 जी 20 कि0ग्रा0 3-5 सेमी0 स्थिर पानी में
- कारटाप हाइड्रोक्लोराइड 4 जी 18 कि0ग्रा0 3-5 सेमी0 स्थिर पानी में
- क्लोरपाइरीफास 20 प्रतिशत ई.सी. 1.50 लीटर
- क्यूनालफास 25 प्रतिशत ई.सी.1.50 लीटर।
- ट्राएजोफास 40 प्रतिशत ई.सी. 1.25 लीटर।
- मोनोक्रोटोफास 36 प्रतिशत एस.एल. 1.25 लीटर |
कृषक हो सके तो किसी भी दवा का प्रयोग करने से पहले क्षेत्र के कृषि अधिकारी से सलाह लेकर उपयोग कर सकते है। दवा खरीदने से पहले उसकी जाँच करें की यह प्रतिबंधित तो नहीं हैं |