युवा किसानों को दिया जाएगा प्रशिक्षण, नियुक्त किए जाएँगे कृषक मित्र
कृषि क्षेत्र में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का सृजन करने के लिए राजस्थान सरकार ने इस वर्ष अपने बजट में युवाओं को ध्यान में रखते हुए कृषि कल्याण कोष के तहत 12वां मिशन शुरू करने की घोषणा की है। यह मिशन पूर्णतः ग्रामीण अर्थव्यवस्था की ओर युवाओं का रुझान बढ़ाने, कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्रों में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए होगा। यह 12वां मिशन- “राजस्थान युवा कृषक कौशल एवं क्षमता संवर्धन मिशन” के नाम से शुरू किया जा रहा है।
मिशन के तहत कृषि क्षेत्र में अध्ययनरत छात्रों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि में वृद्धि की जायेगी, वहीं युवाओं को प्रशिक्षण के लिए देश एवं विदेश में भेजा जाएगा। इसके अलावा एक हजार कृषक मित्र बनाए जाएँगे एवं नए कृषि विश्वविद्यालयों की स्थापना की जाएगी। “राजस्थान युवा कृषक कौशल एवं क्षमता संवर्धन मिशन” के अंतर्गत निम्न कार्य किए जाएँगे:-
कृषि विषय लेकर पढ़ाई करने पर मिलेगी प्रोत्साहन राशि
राजस्थान सरकार द्वारा पहले से ही कृषि विषय को लेकर अध्ययन करने वाली छात्राओं को प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। सरकार ने इस मिशन के तहत छात्राओं को दी जाने वाली इस राशि में वृद्धि कर दी है। पहले 11वीं व 12वीं में कृषि विषय को लेकर पढ़ने वाली छात्राओं को 5 हजार रुपए दिए जाते थे जिसे बढ़ाकर अब 15 हजार रुपए, UG/PG के लिए 12 हजार रुपए से बढ़ाकर 25 हजार रुपए एवं पीएचडी करने वाली छात्राओं को 15 हजार रुपए से बढ़ाकर 40 हजार रुपए प्रतिवर्ष दिए जाएँगे। सरकार इसके लिए इस वर्ष 50 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
युवाओं को प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा विदेश
कृषि यंत्रों, उपकरणों, सौर ऊर्जा संयंत्रों (Solar Pump Sets), सूक्ष्म सिंचाई संयंत्रों (Micro Irrigation System) आदि के परिचालन, रखरखाव एवं मरम्मत हेतु एक लाख युवा किसानों को आवसीय प्रशिक्षण व किट प्रदान कर employable बनाया जाएगा। सरकार इसके लिए इस वर्ष 40 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
वहीं 100 प्रगतिशील युवा कृषकों को इजरायल सहित अन्य देशों में भेजा जाएगा। इसके के साथ 5 हजार युवाओं को देश के विभिन्न राज्यों में कृषि एवं पशुपालन की नवीनतम तकनीक के अध्ययन व प्रशिक्षण हेतु भेजा जाएगा।
एक हजार कृषक मित्र किए जाएँगे नियुक्त
राज्य सरकार इस वर्ष एक हजार कृषि स्नातक युवाओं को संविदा नियमों के तहत कृषक मित्र के रूप में नियुक्त करते हुए “Mobile Agri Clinics” की स्थापना की जाएगी। किसानों द्वारा कृषक साथी कॉल सेंटर अथवा मोबाइल ऐप पर अपनी समस्या बताने पर एग्री क्लिनिक के माध्यम से उनका समाधान किया जाएगा। इसके लिए सरकार 75 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
पशु पालन विद्यालय की स्थापना की जाएगी
कृषि एवं पशु पालन का परस्पर सम्बंध होने के कारण कृषि महाविद्यालयों में पशुपालन से सम्बंधित वैकल्पिक विषय लिए जाने की सुविधा उपलब्ध करवायी जाएगी। जोबनेर-जयपुर में स्थित कृषि विश्वविद्यालय के साथ ही नवीन पशुपालन विश्वविद्यालय (Vererinary University) स्थापित किया जाना प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त, सीकर व बस्सी-जयपुर में पशु चिकित्सा महाविद्यालय खोले जाएँगे।
माचाड़ी (रैणी)- अलवर, रावतभाटा (बेंगू)- चित्तौरगढ़, तारानगर- चूरु, दौसा, धौलपुर, मौजमाबाद (दूदू)- जयपुर एवं हिंदौन- करौली में कृषि विश्वविद्यालय खोले जायंगे। साथ ही श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर-जयपुर के अंतर्गत दुर्गापुर-जयपुर में उद्यानिकी महाविद्यालय की स्थापना की जाएगी। नोखा-बीकानेर वेम नवलगढ़-झुंझुनूं में सहायक निदेशक, कृषि (विस्तार) कार्यालय खोले जाएँगे।
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