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किसानों के घर तक पहुँचेगी पशु चिकित्सा सेवा, महिलाओं को बनाया जाएगा मान्यता प्राप्त एजेंट

ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के पशुपालकों को पशु चिकित्सा संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने के लिए ए-हेल्प” योजना की शुरुआत की गई है। योजना के तहत स्वास्थ्य और पशुधन उत्पादन के विस्तार के लिए मान्यता प्राप्त एजेंट की स्थापना की जा रही है। योजना की शुरुआत देश 8 राज्यों में की जा चुकी है। 10 अक्टूबर 2023 के दिन पशुपालन और डेयरी विभाग, भारत सरकार ने झारखंड में भी योजना की शुरुआत कर दी है।

इस अवसर पर प्रदेश के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल ने ए-हेल्प के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना से राज्य के ग्रामीण क्षेत्र की लाइफ स्टाइल में बदलाव आयेगा और पशुपालकों की सोच में भी परिवर्तन आयेगा। उन्होंने कहा कि ए-हेल्प योजना के तहत पशु सखियों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है, क्योंकि पशुपालन को लेकर पंरपरावादी सोच को बदलने की जरूरत है, ताकि वैज्ञानिक पद्धति का समावेश कर इसे उद्यमिता का रूप देते हुए बदलाव किया जा सके।

किसानों के दरवाजे पर पहुँचेगी पशु चिकित्सा सेवा

पशुपालन मंत्री बादल ने इस अवसर पर महिलाओं की भूमिका के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने ‘ए-हेल्प’ कार्यक्रम के बारे में कहा कि महिलाओं को मान्यता प्राप्त एजेंट के रूप में शामिल करके सशक्त बनाना है। ये एजेंट रोग नियंत्रण, पशु टैगिंग और पशुधन बीमा में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि नई योजना से किसानों के दरवाजे तक पशु चिकित्सा सेवाओं की पहुंच बढ़ेगी और इससे पशु सखियां सशक्त होंगी।

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ए-हेल्प योजना के माध्यम से पशु सखियों को सीधे पशुपालकों से जुड़ना है और कम्युनिटी सर्विस के साथ वॉलिंटियर के रूप में भी सर्विस देनी है। पशु सखियों को प्रशिक्षित करते समय इस बात की भी ट्रेनिंग दी जाएगी कि विभाग की कौन सी योजनाएँ है और उनका लाभ लेने के लिये किन प्रक्रियाओं को पूरा करने की जरूरत है।

पशु सखियों को दिए गए ए-हेल्प किट

कार्यक्रम के दौरान, पशु सखियों को ए-हेल्प किट वितरित की गईं। कार्यक्रम में ट्रेनिंग मॉडयूल शिड्यूल की पत्रिका का विमोचन किया गया साथ ही ट्रेनिंग लेने वाली 6 पशु सखियों को सांकेतिक रूप से प्रशिक्षण किट भी दिये गए। इस कार्यक्रम में प्रगतिशील किसानों और पशु सखियों सहित 500 से अधिक लोगों ने भाग लिया।

इस अवसर पर भारत सरकार में पशुपालन विभाग की सचिव श्रीमती अलका उपाध्याय ने जानकारी देते हुए कहा कि पूरे देश में 2 करोड़ महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और डेयरी उद्योग एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें दो करोड़ महिलाओं को जोड़कर लक्ष्य को आसानी से हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग भी ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सेवा दे रहा है। हमने मोबाईल वेटनरी क्लिनिक की भी शुरुआत की है। हमारा प्रयास है कि डेयरी उद्योग से जुड़ी महिलाओं को सर्विस सेक्टर से भी जोड़ा जाये।

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इन राज्यों में शुरू हो चुकी है योजना

पशुपालन और डेयरी विभाग “ए-हेल्प” (स्वास्थ्य और पशुधन उत्पादन के विस्तार के लिए मान्यता प्राप्त एजेंट) योजना देश के कई राज्यों में शुरू की जा चुकी है। यह योजना अब तक आठ प्रदेशों में लांच की गयी है। जिसमें बिहार, गुजरात, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और झारखंड राज्य शामिल है। पशुपालन और डेयरी विभाग ने ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के तहत डीएएचडी और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के बीच हुए एक समझौता ज्ञापन के माध्यम से यह योजना चलाई जा रही है।

यह पहल क्षेत्र में पशुधन स्वास्थ्य, विस्तार सेवाओं और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे संभावित रूप से पशुधन उत्पादकता और ग्रामीण विकास में सुधार देखने को मिलेगा।

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