फसलों की अधिक पैदावार के लिए आवश्यक है कि किसान समय पर फसलों में लगने वाले कीटों का नियंत्रण करें। फसल चक्र के दौरान फसलों पर अलग–अलग कीटों का प्रकोप होता है, जिनसे बचाने के लिए किसान सामान्यतः रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग करते हैं। किसानों को इन कीटनाशकों का उपयोग फसल चक्र के दौरान कई बार करना पड़ता है। जिससे फसल उत्पादन की लागत तो बढ़ती ही है साथ ही फसल भी ज़हरीली हो जाती है।
ऐसे में अब कई किसान कीटों के नियंत्रण के लिए विकसित नई तकनीक सोलर लाइट ट्रैप को अपनाने लगे हैं, जिससे न केवल फसल उत्पादन की लागत में कमी आती है बल्कि फ़सल में रसायनों के कम प्रयोग से फसल जहरीली भी नहीं होती है। आइए जानते हैं क्या है कीट नियंत्रण के लिए सोलर लाइट ट्रैप तकनीक।
कीट नियंत्रण के लिए सोलर लाइट ट्रैप तकनीक क्या है?
सोलर लाइट ट्रैप खेत में एक स्थान पर रखा जाता है। इस यंत्र में अल्ट्रावायलेट लाइट लगी रहती है। दिन में सूर्य के प्रकाश में सोलर पैनल द्वारा ऊर्जा एकत्रित होती है और अंधेरा होने पर सेंसर के कारण यंत्र में लाइट चालू हो जाती है, जो कीटों को अपनी ओर आकर्षित करता है। ट्रैप में कीटों के आने के बाद कीट नीचे लगी जाली में फँस जाते हैं। इस प्रकार खेत में किसानों को तना छेदक तितली और अन्य कीटों से फसलों को बचाने में मदद मिलती है।
इस यंत्र की मदद से किसान बगैर कीटनाशक दवाओं के उपयोग से फसल को बचाने में सफल हो जाते हैं। किसान खेतों में इस यंत्र को बाँस के सहारे खड़ा कर सकते हैं। एक कृषि यंत्र 3 से 5 एकड़ के लिये पर्याप्त होता है। दिन में सोलर पेनल द्वारा बैट्री चार्ज होती है।
सोलर लाइट ट्रैप की कीमत क्या है?
बाजार में अलग–अलग कंपनियों के द्वारा सोलर लाइट ट्रैप बेचे जा रहे हैं। किसानों को यह यंत्र 2500 से 3500 हजार रूपये तक मिल सकता है। किसान यंत्र से जुड़ी अधिक जानकारी, प्रयोग विधि एवं यंत्र पर मिलने वाले अनुदान की जानकारी के लिए अपने ब्लॉक या ज़िले के कृषि विभाग कार्यालय या कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से संपर्क कर सकते हैं।
यहाँ किसान कर रहे हैं लाइट ट्रैप का उपयोग
मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में धान की पैदावार काफी अच्छी होती है। किसानों को धान एवं अन्य फसलों में कीट नियंत्रण के लिये राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन में सौर ऊर्जा आधारित सोलर लाइट ट्रैप कृषि विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है। जिले के ग्राम कटंगझरी के किसान वीरेन्द्र धान्द्रे एवं अन्य किसान सफलतापूर्वक सोलर लाइट ट्रैप का उपयोग कर रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार कृषि विभाग द्वारा योजना के तहत किसानों को प्रति हेक्टेयर 500 रूपये अनुदान राशि उपलब्ध कराई जा रही है।