प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना रबी 2023-24
देश में रबी फसलों की बुआई का काम लगभग पूरा हो गया है, इसके साथ ही रबी सीजन की सभी फसलों का बीमा कराने की अंतिम तिथि भी नज़दीक आ गई है। अधिकांश राज्यों में रबी सीजन की फसलों का बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर तक है। परंतु ऐसे ऋणी किसान जिन्होंने बोई गई फसल में परिवर्तन किया है उन किसानों को 29 दिसंबर तक फसल बीमा की सूचना बैंक को देनी होगी।
मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा सहित देश के अधिकांश राज्यों में प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना के तहत नामांकन कराने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर तक है। ऐसे में जो भी ऋणी एवं गैर ऋणी किसान गेहूं, चना, अलसी, मसूर, सरसों, ईसबगोल आदि रबी फसलों का बीमा कराना चाहते हैं वे किसान मात्र 1.5 प्रतिशत प्रीमियम राशि देकर 31 दिसंबर तक अपने क्षेत्र में अधिसूचित फसलों का बीमा करा सकते हैं।
बैंक ऋण लेने वाले किसान दें यह सूचना
ऐसे किसान जिन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड पर बैंक से लोन लेकर रखा है उन किसानों की फसलों का बीमा स्वतः ही हो जाएगा। क्योंकि फसल बीमा योजना से बाहर होने की अंतिम तिथि निकल चुकी है ऋणी किसानों को फसल बीमा से बाहर होने के लिए 7 दिनों पहले ही बैंक को सूचना देना रहता है। लेकिन यदि किसान क्रेडिट कार्ड में अंकित फसल से अन्य फसल की बुवाई की है, तो वे 29 दिसम्बर तक बैंक को बोई गई फसल की जानकारी दे सकते हैं, ताकि उन्हें फसल खराब होने की स्थिति में बोई गई फसल का बीमा कवरेज का लाभ उपलब्ध हो सके।
यहाँ यह भी साफ कर दें कि एक ही अधिसूचित गाँव एवं अधिसूचित फसल के लिए अलग-अलग बैंक से कृषि ऋण स्वीकृत होने की स्थिति में किसानों को एक ही स्थान से बीमा कराना होगा। इसकी सूचना किसानों को संबंधित बैंकों को 31 दिसम्बर से पहले ही देना होगा। ऋणी एवं अऋणी किसानों के द्वारा समान रकबा, खसरा का दोहरा बीमा कराने की स्थिति में किसान के समस्त दस्तावेज को निरस्त करने का अधिकार बीमा कंपनी के पास रहता है। इससे किसान फसल बीमा योजना से वंचित रह सकते हैं।
जिन किसानों ने लोन नहीं लिया वे किसान क्या करें
ऐसे किसान जिन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड धारी नहीं हैं या उन्होंने किसी फसल के लिए लोन नहीं लिया है वे भी इस योजना से जुड़ना चाहते हैं तो वे बैंक, सीएससी, अथवा फसल बीमा पोर्टल के माध्यम से बीमा ले सकते हैं। योजना से जुड़ने हेतु भू-स्वामित्व के साक्ष्य, जमीन कब्जे में होने का प्रमाण पत्र, बैंक खाता सम्बन्धी साक्ष्य, आधार कार्ड की प्रति ऑनलाइन जमा करवाने होंगे साथ ही एक स्व-प्रमाणित घोषणा पत्र जिसमें प्रत्येक खसरा संख्या का कुल क्षेत्र, प्रस्तावित फसल का बुवाई क्षेत्र, मालिक का नाम एवं बीमा हित का प्रकार अंकित कर प्रस्तुत करना होगा।
बटाईदार किसान भी जुड़ सकते हैं फसल बीमा योजना से
बटाईदार किसान भी चाहे तो फसल बीमा योजना से जुड़ सकते हैं। बटाईदार कृषक को सम्बन्धित खातेदार से लिखित में यह शपथ पत्र प्राप्त कर प्रस्तुत करना होगा कि उस खातेदार के द्वारा जमीन बंटाई पर दी गई है, उसे स्वयं के बैंक खाते की प्रति उपलब्ध करवानी आवश्यक होगी, साथ ही उसे उस राज्य का मूल निवासी होने का प्रमाण पत्र, जिस कृषक से जमीन बटाई पर ली है उसका आधार कार्ड भी प्रस्तुत करना होगा।
बता दें कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंर्तगत खड़ी फसल, बुवाई से कटाई में सूखा, लम्बी सूखा अवधि, बाढ़, जल भराव, कीट एवं व्याधि, भूस्खलन, बिजली गिरने से प्राकृतिक आग, तूफान, ओला वृष्टि और चक्रवात के कारण उपज में नुकसान के लिए व्यापक जोखिम बीमा राज्य सरकार द्वारा संपादित फसल कटाई प्रयोग से प्राप्त उपज आंकडों के आधार पर किया जाता है।
किसान कहाँ करा सकते हैं फसलों का बीमा
जिन किसानों ने फसल के लिए बैंक से लोन लिया है उन किसानों का फसल बीमा स्वतः ही हो जाएगा। परन्तु किसान ने यदि बोई गई फसल में परिवर्तन किया है तो इसके लिए किसान को बैंक में सूचना देनी होगी। इसके अतिरिक्त जो किसान स्वेच्छा से योजना में सम्मिलित होना चाहते हैं वे किसान आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ नजदीकी बैंक शाखा/ कोऑपरेटिव सोसायटी/ लोक सेवा केंद्र CSC/ पोस्ट ऑफिस/फसल बीमा एप/ फसल बीमा पोर्टल आदि स्थानों से अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं। बता दें कि रबी फसलों के बीमा के लिए किसानों को 1.5 प्रतिशत प्रीमियम राशि देनी होती है।