back to top
शनिवार, मई 4, 2024
होमकिसान समाचारसरकार ने दी गेहूं खरीदी नियमों में छूट, अब सिकुड़े-टूटे हुए गेहूं...

सरकार ने दी गेहूं खरीदी नियमों में छूट, अब सिकुड़े-टूटे हुए गेहूं भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ख़रीदेगी सरकार

सिकुड़े-टूटे हुए गेहूं की समर्थन मूल्य MSP पर खरीद

देश में रबी फसलों की खरीदी का कम शुरू हो चुका है, इस वर्ष बेमौसम बारिश एवं ओला वृष्टि से किसानों की फ़सलों को काफी नुकसान हुआ है। वहीं गेहूं की चमक कम होने, टूट होने के चलते किसानों को अपनी उपज का उचित भाव भी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए कुछ राज्यों में गेहूं की सरकारी खरीद में बड़ी रियायत देते हुए 80 प्रतिशत तक लस्टर लॉस वाली और 18 प्रतिशत तक सिकुड़े-टूटे गेहूं को खरीदने की छूट दी है। 

इस संबंध में एक पत्र भी जारी कर दिया गया है जिसमें हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला द्वारा केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल को 5 अप्रैल को लिखे पत्र का हवाला देते हुए कहा गया है कि भारी बारिश के कारण हुए नुकसान को देखते हुए केंद्र सरकार ने रबी सीजन 2023-24 में लस्टर लॉस और सिकुड़े-टूटे गेहूं की खरीद में छूट देने की डिमांड को स्वीकार कर लिया गया है।

यह भी पढ़ें   किसानों को ड्रिप, स्प्रिंकलर एवं रेनगन सेट पर दी जा रही है 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी

10 प्रतिशत चमक में कमी होने पर भी मिलेगा MSP का लाभ

केंद्र सरकार ने अब अधिकतम 80 प्रतिशत तक हुए लस्टर लॉस पर भी गेहूं को खरीदने की छूट खरीद एजेंसियों को दे दी है। चमक में 10 प्रतिशत तक की कमी पर खरीद मूल्य में कोई कटौती नहीं होगी और इससे अधिक लस्टर लॉस होने पर नियमानुसार मामूली कटौती की जाएगी। इसी तरह गेहूं के दाने में 6 प्रतिशत सिकुड़न-टूट होने पर खरीद मूल्य में कोई कटौती नहीं होगी और 18 प्रतिशत तक सिकुड़े-टूटे दाने वाली गेहूं की खरीद पर केंद्र सरकार के नियमानुसार मामूली कटौती की जाएगी। बता दें कि इस वर्ष गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल है। 

बार-बार बारिश के चलते हुई है गेहूं कि उपज प्रभावित 

हरियाणा राज्य में इस वर्ष मार्च, 2023 में कटाई से ठीक पहले बारिश और ओलावृष्टि शुरू हो गई थी। जिसने हरियाणा में खड़ी फसलों को चौपट कर दिया। भारी बारिश के कारण गेहूं की फसल की चमक खराब होने के संबंध में प्रमुख खरीद जिलों कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद, सिरसा, जींद और यमुनानगर से रिपोर्ट ली गई है। बार-बार होने वाली बारिश और ओलावृष्टि होने से उत्पादन तो प्रभवित हुआ ही है साथ ही अनाज की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ा है।

यह भी पढ़ें   अंतिम दिन: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए किसान 31 जुलाई तक करायें पंजीयन

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
यहाँ आपका नाम लिखें

ताजा खबरें

डाउनलोड एप