लॉकडाउन के बीच समर्थन मूल्य पर खरीदी
वर्ष 2020–21 की रबी सीजन की सरकारी खरीदी 15 अप्रैल से शुरू हो गई है | इस समय उत्तर भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश तथा अन्य राज्यों ने किसानों से रबी फसलों की खरीदी प्रक्रिया शुरू कर दी है | कोरोना वायरस को देखते हए सभी राज्य ने रबी उपज खरीदी के लिए खरीदी केन्द्रों की संख्या को काफी बढाया गया है | इसके साथ ही खरीदी केन्द्रों पर किसानों की भीड़ न हो इसके लिए किसानों को एसएमएस भेजा जा रहा है | इसके साथ ही मण्डी में आने वाले किसानों की संख्या को लिमिट कर दिया है | जहाँ हरियाणा में 25 – 25 किसानों को एक खरीदी केंद्र पर बुला रहा है तो वहीं मध्य प्रदेश एक खरीदी केंद्र पर 6 किसानों को ही बुला रहा है | पिछले 2 दिनों में विभिन्न राज्यों में रबी उपज की खरीदी की ब्यौरा तथा प्रगति इस प्रकार है |
हरियाणा राज्य में किसानों से फसलों की खरीदी
हरियाणा के कृषि एवं कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने बताया कि पहले दिन प्रत्येक खरीदी केन्द्रों पर 25–25 किसानों को बुलाकर खरीदी की गई है | पहले दिन में हरियाणा राज्य से कुल 4500 किसानों से लगभग 10,000 मीट्रिक टन सरसों की खरीदी की गई है | यह खरीदी राज्य के 163 केन्द्रों से किया गया है | इसको देखते हुए दुसरे दिन यानि 16 अप्रैल से प्रत्येक खरीदी केन्द्रों पर 50 – 50 किसानों को बुलाया जा रहा है | इसमें 25 किसान दोपहर से पहले बुलाकर उनकी उपज खरीदी जाएगी तथा 25 दोपहर के बाद जा रहे हैं |
दुसरे दिन कि खरीदी में 163 खरीदी केन्द्रों से 8380 किसानों से 22,000 मैट्रिक टन सरसों की खरीदी की गई है | दो दिनों में राज्य में कुल 33,331 मैट्रिक टन सरसों की खरीदी की गई है | आज से खरीदी में और तेजी लाई जा रही है अब राज्य में प्रत्येक दिन 30,000 मैट्रिक टन सरसों खरीदने की उम्मीद है |
राज्य में किसानों से 4,425 रूपये प्रति क्विंटल के भाव से सरसों की खरीदी की जा रही है जो केंद्र सरकार के द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य है | इस वर्ष राज्य में 8 से 9 लाख मैट्रिक टन सरसों खरीदने की उम्मीद है | जो पिछले वर्ष 6 लाख मैट्रिक टन से काफी ज्यादा है | सरकार के तरफ से यह बताया गया है कि राज्य के किसानों को सरसों बेचने के तीन दिन में पैसा दे दिया जाएगा | 20 अप्रैल से हरियाणा में गेहूं की खरीदी होने वाली है, इसके लिए सभी तैयारी पूरी कर ली गई है | इस वर्ष राज्य में 80 से 90 लाख मैट्रिक टन गेहूं खरीदी होने की उम्मीद है | कोविड – 19 को देखते हुए राज्य के 77 किसानों ने स्वेच्छा से हरियाणा\ कोरोना रिलीफ फंड में 85,820 /- रूपये की राशी का योगदान दिया है |
मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी
मध्यप्रदेश के तरफ से जारी आकड़ों के अनुसार राज्य में दो दिनों में गेहूं की खरीदी को सुरक्षा के सभी मानकों को पूरा करते हुए चलाया जा रहा है | राज्य में 15 अप्रैल से गेहूं की खरीदी शुरू है जिसमें प्रत्येक दिन 6 किसानों से गेहूं की खरीदी की जा रही है | 3 किसानों से दोपहर से पहले तथा 3 किसानों से दोपहर के बाद गेहूं की खरीदी की जा रही है |
16 अप्रैल की शाम तक 9 हजार 504 किसान से सुचना पहुंचने पर संबंधित खरीदी केन्द्रों पर पहुंचे इन किसानों ने खरीदी केन्द्रों पर कल 17 हजार 778 मीट्रिक टन गेहूं समर्थन मूल्य 1925 रूपये क्विंटल मूल्य पर बेचा | राज्य में 4305 खरीदी केन्द्रों पर रबी फसल उपज की खरीदी किया जा रहा है |
राजस्थान में किसान 40 क्विंटल तक बेच सकेंगे चना एवं सरसों
राज्य में रबी फसल की खरीदी 15 अप्रैल से शुरू कर दी गई है, लेकिन यह खरीदी केवल कोटा संभाग में किया जा रहा है | 15 अप्रैल से कोटा संभाग के 46 केन्द्रों पर सरसों तथा चना की खरीदी किया जा रहा है | इसमें से 23 सरसों तथा 23 चना खरीदी केंद्र बनाये गये हैं | इसके अलावा नए खरीदी केन्द्रों पर भी रबी फसल की खरीदी किया जा रहा है | जो अब खरीदी केन्द्रों की संख्या 92 हो गई है | शेष राज्य में 1 मई से रबी फसल की खरीदी की जाएगी |
राज्य में सरसों तथा चने के बेचान के लिए 2 लाख 40 हजार किसानों द्वारा पंजीकरण कराया जा चुका है | 1 मई से राज्य में पुन: रबी फसल की पंजीयन शुरू किया जाएगा | राज्य में सरसों की खरीदी 4,425 रूपये प्रति क्विंटल तथा चने की खरीदी 4,875 रूपये प्रति क्विंटल खरीदी की जा रही है | राज्य में पहले एक किसान एक दिन में 25 क्विंटल सरसों तथा चना बेचते थे, लेकिन इस बार से राज्य सरकार ने भारत सरकार से अनुमति प्राप्त करके 40 क्विंटल प्रति दिन चना तथा सरसों खरीदी कर रही है |
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